जोधपुर जिले के हर गांव में कोरोना की दूसरी लहर में 10 लोगों की मौत संक्रमण की वजह से हुई है। कई गांव में तो आलम यह है कि हर तीसरे घर में मौतों ने मातम पसरा दिया है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में उनकी मौत की वजह कोरोना नहीं बताया गया है।
सीकर. राजस्थान में कोरोना संक्रमण भयावह हालात पैदा करता जा रहा है। लेकिन अब यहां शहरों से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में स्थिति खराब होती दिख रही है। जिसकी चपेट में आने से रोजाना कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। गांव से जो आंकड़े सामने आ रहे हैं वह सरकार-प्रशासन को चिंता में डाल रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर की हालत सबसे खराब है। यहां 1 अप्रैल से 19 मई के बीच 433 गांवों में 2919 लोगों की मौत हुई। यह बात अलग है कि राज्य सरकार ने सिर्फ 618 लोगों की मौत कोरोना का कारण माना है। बाकी 2294 लोगों की मौत को सामन्य बताया है।
हर तीसरे घर पसरा मौत का मातम
रिपोर्ट के मुताबिक, जोधपुर जिले के हर गांव में कोरोना की दूसरी लहर में 10 लोगों की मौत संक्रमण की वजह से हुई है। कई गांव में तो आलम यह है कि हर तीसरे घर में मौतों ने मातम पसरा दिया है। लेकिन सरकारी आंकड़ों में उनकी मौत की वजह कोरोना नहीं बताया गया है। कई तो परिवार के परिवार को उजाड़ कर रख दिया है। घर में सिर्फ बच्चे ही बचे हैं।
गांव-गांव घर-घर कोरोना का कहर
सर्वे के अनुसार, गांव में कोरोना की जांच कम हुई और समय पर इलाज नहीं मिलने से मौतों के आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है। उदाहरण के तौर पर खारिया मीठापुर गांव में 27 लोगों की मौत हुई है, लेकिन एक को भी कोरोना की वजह नहीं माना गया, क्योंकि उनकी जांच ही नहीं हुई थी। वहीं पीपाड़ नगरपालिका क्षेत्र में 64 लोगों की मौतें हुईं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ 4 की मौत को कोरोना बताई। यह तो दो जगहों का हाल है, ऐसे जिले में कई गांव हैं, जहां महामारी ने कहर बरपाया है।
देखिए किस गांव में हुई कितनी मौत, लेकिन प्रशासन मानने को तैयार नहीं
क्रम | गांव | कोरोना | सामान्य | कुल मौतें |
1. | चामू | 11 | 73 | 84 |
2. | सेखाला | 18 | 106 | 124 |
3. | बालेसर | 27 | 124 | 151 |
4. | भोपालगढ़ | 66 | 235 | 301 |
5. | तिवड़ी | 58 | 177 | 252 |
6. | बेलाड़ा | 41 | 252 | 293 |
7. | बाप | 20 | 126 | 164 |
8. | लोहाहट | 37 | 195 | 232 |
9. | शेरगढ़ | 19 | 68 | 87 |
10. | बापिड़ी | 35 | 140 | 175 |
11. | लूणी | 171 | 565 | 64 |
12. | पीपाड़ | 4 | 60 | 736 |
13. | देचू | 53 | 228 | 284 |
इलाज की जगह कर रहे टोना-टोटका
बालेसर गांव में तो आलम यह है कि लोग डॉक्टरों के पास नहीं जाकर झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र से कोरोना संक्रमण को खत्म करने में लगे हुए हैं। जब यहां की एक बस्ती में दूसरी लहर की शुरूआत में एक साथ 9 लोगों की मौत हुई थो गांव के लोग इलाज की जगह टोटका करने में लग गए। उन्होंने पूरे गांव में खबरदार पहरेदार के नारे लगाते हुए हाथ में दूध और तलवार लेकर परिक्रमा की। उन लोगों का ऐसा मानना है कि ऐसा करने से कोरोना भाग जाएगा। वहीं कई फर्जी बाबा आपदा के समय को अवसर मानते हुए ग्रमीणों को गुमराह करके अपने जाल में फंसाकर पैसा कमाने में लगे हुए हैं। (डेटा सोर्स - दैनिकभास्कर)