सरकार से हुए समझौते के बाद अंतत: 11वें दिन गुर्जर आंदोलन खत्म हो गया। गुरुवार को आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक से हट गए। बता दें कि गुर्जर बैकलॉग एवं प्रक्रियाधीन भर्तियों में आरक्षण का लाभ दिए जाने समेत 6 सूत्री मांगों को लेकर भरतपुर के पीलूपुरा में रेलवे ट्रैक पर बैठे थे। इससे मुंबई-दिल्ली ट्रैक पर ट्रेनें नहीं चल पा रही थीं। इसके अलावा कई जगहों पर हाईवे भी जाम थे। बुधवार को कैबिनेट की एक सब कमेटी ने कर्नल किरोड़ी बैंसला को जयपुर में वार्ता के लिए बुलाया था। उनके साथ बेटे विजय बैंसला सहित समाज के कुछ अन्य लोग भी पहुंचे थे। कर्नल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा हुई थी।
जयपुर, राजस्थान. सरकार के साथ हुए समझौते के बाद गुर्जरों ने आंदोलन खत्म कर दिया है। गुरुवार को आंदोलनकारी पटरी से हट गए। बुधवार को कैबिनेट की एक सब कमेटी ने कर्नल किरोड़ी बैंसला को जयपुर में वार्ता के लिए बुलाया था। उनके साथ बेटे विजय बैंसला सहित समाज के कुछ अन्य लोग भी पहुंचे थे। सरकार की ओर से तैयार किए गए 6 बिंदुओं के समझौते पर गुर्जर नेता कर्नल बैंसला ने सहमति दे दी। कैबिनेट में हुए इस समझौते के बाद कर्नल की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चर्चा हुई। इसके बाद 11वें दिन आंदोलन खत्म होने का ऐलान किया गया। सरकार की मंत्री मंडलीय उप समिति व 17 सदस्यीय गुर्जर प्रतिनिधिमंडल के बीच समझौता हो गया। आंदोलनकारियों ने भगवान देवनारायण के जयकारे लगाते हुए मिठाई बांटकर खुशी जताई। इस मौके पर विजय बैंसला ने सरकार का रुख सकारात्मक माना। बुधवार रात जयपुर में सरकार से समझौते के बाद गुर्जर नेता विजय बैंसला के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार सुबह करीब 7 बजे पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पर पहुंचा। यहां आंदोलन समाप्ति की घोषणा की गई।
रेलवे ट्रैक सुधारने का काम शुरू
आंदोलनकारियों के हटते ही रेलवे ट्रैक को सुधारने का काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। रेलवे के एडीईइन मलखान सिंह मीणा के नेतृत्व में पहुंची टीम ने बयाना-फतेहसिंह पुरा रेलखंड पर मरम्मत का काम शुरू किया। गुरुवार से ही दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन शुरू हो जाएगा।
एक मुद्दे पर अभी भी असहमति
समझौते के बावजूद कर्नल बैंसला ने मीडिया से कहा कि प्रक्रियाधीन भर्तियों व बैकलॉग को लेकर मामला अभी भी विचाराधीन है। लेकिन 2 सालों से अटकी मांगों पर सहमति बन गई है। गुर्जर समाज बयाना में 223 आंदोलनकारियों पर मुकदमा दर्ज होने को लेकर खेल मंत्री अशोक चांदना से नाराज था। बैंसला ने इसे दीपावली का तोहफा बताकर मंत्री पर ताना कंसा था। इसे देखते हुए सब कमेटी में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और खेल मंत्री अशोक चांदना को बैंसला के साथ हुई वार्ता कमेटी में नहीं रखा गया। बिजली-पानी मंत्री बीडी कल्ला, तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इन 6 मांगों पर सहमति
-आंदोलन में जान गंवाने वाले 3 लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए और आश्रित सदस्य को नौकरी
एमबीसी के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन शृंखला के समकक्ष लाभ
-आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापस
-प्रक्रियाधीन भर्तियों के संबंध में एक समिति गठित होगी
-15 फरवरी 2019 को मलारना डूंगर में हुए समझौता बिंदु 5 के अनुसार भी कार्यवाही सुनिश्चित होगी
-देवनारायण योजना अंतर्गत जयपुर में एमबीसी वर्ग के बालिका छात्रावास के लिए 50 बेड मंजूर होंगे..इसके अलावा 50 नए बेड भी स्वीकृत होंगे
दिल्ली में थी जाम की चेतावनी
इससे पहले मंगलवार को ग्रेटर नोएडा से गुर्जर समाज का 15 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल पीलूपुरा रेलवे ट्रैक पहुंचा था। यहां बैठे आंदोलनकारियों से नोएडा से आए जतन प्रधान ने कहा था कि पूरे भारत का गुर्जर समाज एक है। अगर समय रहते राजस्थान सरकार ने गुर्जर समाज की मांगें नहीं मानी तो कर्नल बैंसला के एक आह्वान पर दिल्ली सहित पूरे एनसीआर को जाम कर देंगे। इसके लिए राजस्थान सरकार ही जिम्मेदार होगी।
वर्क फ्रॉम होम में परेशानी..
1 नवंबर से चल रहे गुर्जरों के आंदोलन से स्टूडेंट़्स और वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए परेशानी बढ़ा दी थी। प्रशासन ने आंदोलन के एक दिन पहले से ही इंटरनेट सेवाएं बंद कर रखी हैं। बता दें कि गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला भरतपुर के पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर अपने समर्थकों के साथ बैठे हुए थे। आंदोलन के चलते भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, जयपुर की 5 तहसीलों और अलवर में कुछ जगह इंटरनेट बंद रखा गया। इसके अलावा ट्रेनें और बसें भी नहीं चल पा रहीं।
पटरी पर मनाया था जन्मदिन
पिछले मंगलवार देर रात कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने अपने बेटे का जन्मदिन पटरी पर केक काटकर मनाया था। बता दें कि आंदोलन के चलते कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। कइयों को परिवर्तित मार्ग से चलाया जा रहा है। वहीं, बसों के पहिये थमे हुए हैं। सरकार ने समझौते की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। आंदोलनकारी भरतपुर सहित कई जगहों पर दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर बैठे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बातचीत हर समस्या का हल है। आंदोलन में महिलाओं ने भी मोर्चा संभाल लिया है। वे आंदोलनकारियों के लिए रजाई-गद्दे और चाय-नाश्ता-खाना लेकर आ रही हैं। हालांकि अब गुर्जर समाज के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कहा जा रहा है कि वे अपने बेटे विजय को आगे करना चाहते हैं।
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