पाकिस्तानी आतंकी अशरफ ने किए चौंकाने वाले खुलासे, 17 साल से भारत में रह रहा था, देश को दहलाने की थी प्लानिंग

आतंकी मोहम्मद अशरफ उर्फ अली अहमद नूरी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर दिल्ली समेत देश के कई शहरों में त्योहारी सीजन में आतंकी हमला करना चाहता था। 

Asianet News Hindi | Published : Oct 13, 2021 9:50 AM IST / Updated: Oct 13 2021, 04:03 PM IST

जयपुर : दिल्ली से पकड़ा गया पाकिस्तान (pakistan) का रहने वाला आतंकी अशरफ दिल्ली ही नहीं देश के कई शहरों में रह चुका है। अशरफ की निशानदेही पर बरामद AK 47 से तो यही जाहिर होता है कि उसकी मंशा खतरनाक थी। आतंकी अशरफ का अजमेर (Ajmer) कनेक्शन भी सामने आया है। खुलासा हुआ है कि अशरफ पाकिस्तान से बांग्लादेश (Bangladesh) आया और फिर बांग्लादेश के रास्ते बंगाल में दाखिल हुआ, उसके बाद अजमेर आ गया। अजमेर में डेढ़ साल तक रहकर उसने मौलाना बनने की ट्रेनिंग ली। अशरफ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देता लेकिन उससे पहले ही दिल्ली पुलिस का हाथ आ गया। अब दिल्ली पुलिस उसके आतंकी नेटवर्क को ढूंढने में जुट गई है।

ISI के इशारे पर बड़ी साजिश की प्लानिंग
गिरफ्तार आतंकी मोहम्मद अशरफ उर्फ अली अहमद नूरी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के इशारे पर दिल्ली समेत देश के कई शहरों में त्योहारी सीजन में आतंकी हमला करना चाहता था। आतंकी करीब 17 वर्ष से फर्जी आईडी से भारत में रह रहा था। ये जम्मू कश्मीर समेत देश में पिछले दिनों हुए आतंकी हमले में शामिल रहा है। आतंकी ने पाकिस्तान में 6 महीने की आतंकी ट्रेनिंग ली थी। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना की निगरानी में इस पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया गया है। स्पेशल सेल DCP प्रमोद कुशवाह ने बताया कि स्पेशल सेल को करीब दो महीने पहले एक पाकिस्तानी नागरिक के नेतृत्व में एक सक्रिय स्लीपर सेल के बारे में जानकारी मिली थी। 

दिल्ली हाईकोर्ट बम धमाकों में था शामिल
आतंकी मोहम्मद अशरफ देश में पिछले सालों में हुई आतंकी वारदातों में शामिल रहा है। मोहम्मद अशरफ साल 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के सामने हुए बम धमाकों में वह शामिल रहा है। उसने दिल्ली हाईकोर्ट की कई बार रेकी की थी। वह पूर्वी दिल्ली से दिल्ली हाईकोर्ट गया था। आतंकी ने पूछताछ में ये भी खुलासा किया है कि जम्मू कश्मीर में आतंकियों ने उसके सामने सेना के कई जवानों को अगवा कर लिया था। कुछ समय बंधक बनाकर रखने के बाद उनकी गला रेतकर हत्या कर दी थी। 

इसे भी पढ़ें-राजस्थान: वो चीखता रहा लात घूसे बरसाते रहे दबंग, दलित युवक पर दबंगों के अत्याचार का Video

जम्मू-कश्मीर में करता था सेना की मूवमेंट की निगरानी
स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह भारत में कहीं भी तभी जाता था जब पाकिस्तान में बैठा उसका हैंडलर उसे निर्देश देता था। पाकिस्तान हैंडलर के कहने पर ही वह जम्मू-कश्मीर जाता था और वहां आतंकियों से मिलता था। हैंडलर नासिर के कहने पर वह जम्मू कश्मीर जाता था और वहां पर सेना की मूवमेंट आदि की निगरानी करता था। सेना की वीडियो बनाकर और अन्य खुफिया जानकारी देता था। इस जानकारी के आधार पर जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले होते थे। उसने सेना की अनेकों बार खुफिया जानकारी हैंडलर नासिर को दी है। 

हैंडलर का नाम नहीं लेता आतंकी अशरफ
हैंडलर नासिर जब भी मोहम्मद अशरफ से बात करता था तो वह उसका नाम नहीं लेता था, बल्कि उसे भाईजान बोलता था। हैंडलर ने जब हथियार लाने के लिए कहा तो उसे व्हाट्सएप पर लिखा था कि भाईजान सामान की डिलीवरी लेने जाना है। मोहम्मद अशरफ दो मोबाइल फोन रखता था। पुलिस ने इसके कब्जे से दोनों मोबाइल फोन बरामद कर लिए हैं। उसे हथियारों की डिलीवरी लाने के लिए हैंडलर दो दिन से फोन कर रहा था।

इसे भी पढ़ें-शहीद की पत्नी के 2 दिन से नहीं रुक रहे आंसू, जो उसका दर्द सुनता वो रोने लगता..नौकरी-रु. लेने से किया मना

धर्म के नाम पर बनाता था जिहादी
बताया जा रहा है कि वह भारत के दर्जनों युवकों को जिहादी बना चुका है। ये भी कहा जा रहा है कि आतंकी ट्रेनिंग के लिए काफी युवाओं को पाकिस्तान भेज चुका है। स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसने पीर मौलवी का चोला ओढ़ा हुआ था। वह कुरान की आयतें पढ़ता था और लोगों को इलाज करने का दावा करता था। उसने युवकों को जिहादी बनाने के लिए जादू-टोना का काम भी सीखा था। 

स्लीपर सेल का है सरगना अशरफ
दिल्ली के लक्ष्मीगर से गिरफ्तार मोहम्मद अशरफ ने पुलिस को शुरुआती पूछताछ में बताया कि वह मूल रूप से पाकिस्तानी पंजाब के नरोवाल का रहने वाला है। वह भारत में सक्रिय स्लीपर सेल का सरगना है। ISI ने उसे त्योहारी सीजन के दौरान आतंकी वारदात का जिम्मा सौंपा था। 

2004 में ली थी आतंकी ट्रेनिंग
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों  के अनुसार, ISI ने अशरफ को सीधे भर्ती किया था। साल 2004 में पाकिस्तान के सियालकोट में ISI के हैंडलर कोड नाम नासिर से 6 महीने की आतंकी ट्रेनिंग ली थी। नासिर ने उसे भारत में तोड़फोड़ की गतिविधियां चलाने में मदद के लिए स्लीपर सेल के रूप में काम करने के लिए भेजा था। मोहम्मद अशरफ ने 2013 में अपना पासपोर्ट बनवाया था। पासपोर्ट में उसने शास्त्री नगर, दिल्ली का पता दे रखा है। आरोपी ने अपना राशनकार्ड बनाने से लेकर सभी जरूरी दस्तावेज बनवा रखे थे।

बांग्लादेश के रास्ते भारत आया
अशरफ की 2003 में ट्रेनिंग शुरू हुई। उसे नसीर (कोड) नाम दिया गया। 2004 में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उसे बांग्लादेश की राजधानी ढाका भेज दिया गया। दिल्ली पुलिस के मुताबिक अशरफ पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी के रास्ते भारत पहुंचा। उसे इस दौरान हथियार नहीं दिए गए थे और शांत रहने को कहा गया था। वह कुछ दिनों तक कोलकाता में रहा। इसके बाद अजमेर चला गया।

इसे भी पढ़ें-कश्मीर पंडितों पर आतंकी हमले के बाद गुस्से में बोले पूर्व CM अब्दुल्ला-'दहशतगर्दों का नरक इंतजार कर रहा है'

Share this article
click me!