Published : Sep 22, 2024, 04:47 PM ISTUpdated : Oct 03, 2024, 07:49 AM IST
Navratri 2024: इस बार आश्विन मास की नवरात्रि अक्टूबर महीने में मनाई जाएगी। अगर आप भी नवरात्रि में व्रत करते हैं तो आपको कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो व्रत का पूरा फल नहीं मिलता।
हर साल आश्विन मास में शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इसे छोटी नवरात्रि भी कहते हैं। इस नवरात्रि में गरबों के माध्यम से देवी की आराधना की जाती है। इस बार आश्विन मास की नवरात्रि का पर्व 3 से 11 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इन 9 दिनों में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी। नवरात्रि में व्रत की परंपरा है। अगर आप भी नवरात्रि में व्रत करते हैं तो कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखें, नहीं तो व्रत का पूरा फल नहीं मिल पाएगा। जानें कौन-सी हैं ये बातें…
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व्रत से पहले संकल्प जरूर लें
अगर आप नवरात्रि व्रत करना चाहते हैं तो इसके पहले दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। जैसा व्रत आप करना चाहते हैं, उसी के अनुसार संकल्प लें जैसे दोनों समय फलाहार या एक समय भोजन और एक समय फलाहार। संकल्प के अनुसार ही 9 दिनों तक व्रत का पालन करें।
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दूसरे के घर का पानी भी न पीएं
अगर आपने नवरात्रि व्रत का संकल्प लेना चाहते है तो ध्यान रखें कि इस दौरान किसी दूसरे के घर का पानी भी न पीएं, भोजन तो बहुत दूर की बात है। इस दौरान अपने ही घर का भोजन करें। अगर किसी वजह से घर पर भोजन न बना पाएं तो बाहर से खरीद कर खा सकते हैं लेकिन शुद्धता का विशेष रूप से ध्यान रखें।
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पवित्रता का ध्यान रखें
नवरात्रि व्रत के 9 दिनों में पवित्रता का खास ध्यान रखें। यानी ब्रह्मचर्य का पूरी तरह से पालन करें, सिर्फ तन से ही नहीं बल्कि मन से भी। घर में शराब और मांस आदि तामसिक चीजें बिल्कुल नहीं आनी चाहिए। संभव हो तो व्रत के दौरान जमीन पर चटाई बिछाकर सोएं।
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काले कपड़े न पहनें
नवरात्रि व्रत के दौरान काले कपड़े न पहनें क्योंकि ये रंग निगेटिविटी का प्रतीक है। शुभ काम में काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए। नवरात्रि के दौरान लाल, पीले या हरे रंग के वस्त्र पहनना चाहिए। काले कपड़े भूलकर भी न पहनें।
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इन बातों का भी रखें ध्यान
नवरात्रि व्रत के दौरान किसी पर क्रोध न करें और न ही किसी का अपमान करें। क्रोध करने से मानसिक हिंसा होती है, जो व्रत के दौरान नहीं होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति क्रोध आने जैसा काम भी कर दे उसे तुरंत क्षमा कर दें। यह भी व्रत का नियम है।
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