Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में रामलला की मूर्ति बनना शुरू, किस ग्रंथ में है श्रीराम के बाल स्वरूप का वर्णन?

Ram Mandir Ayodhya inauguration date: अयोध्या में राम मंदिर का काम बड़े तेजी से हो रहा है। इसके साथ ही मंदिर में स्थापित की जाने वाली रामलला की मूर्ति बनाने का कार्य भी शुरू हो चुका है। इसके लिए मूर्तिकारों की टीमें अयोध्या पहुंच गई हैं।

 

Manish Meharele | Published : May 27, 2023 5:00 AM IST

उज्जैन. अयोध्या में भगवान राम मंदिर का भव्य मंदिर तैयार किया जा रहा है। साल 2024 में इस मंदिर का कार्य पूर्ण हो जाएगा। मंदिर निर्माण के साथ ही अब रामलला की मूर्ति बनाने का कार्य भी शुरू हो चुका है। (Ram Mandir Ayodhya inauguration date) श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, रामलला की मूर्ति बनाने के लिए शिल्पकारों की टीमें यहां पहुंच चुकी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अलग-अलग टीमें रामलला की 3 प्रतिमाएं बनाएंगी, इनमें से कौन-सी प्रतिमा मंदिर के गर्भगृह में स्थापित की जाएगी ये निर्णय श्रीराम मंदिर ट्रस्ट लेगा। आगे जानिए रामलला की प्रतिमा निर्माण से जुड़ी खास बातें…

इन मूर्तिकारों की टीम बनाएंगी रामलला की प्रतिमा (Who will make the statue of Shri Ram in Ayodhya)
भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनाने के लिए देश के प्रसिद्ध मूर्तिकारों को उनकी टीम सहित अयोध्या बुलाया गया है। इनमें कर्नाटक के शिल्पकार गणेश एल. भट्ट, राजस्थान के शिल्पकार सत्यनारायण पांडेय, पद्मविभूषण सुदर्शन साहू और मैसुरू के अरुण योगीराज शमिल हैं। इनमें से कुछ टीमें अयोध्या पहुंच चुकी हैं और रामलला की मूर्ति बनाने का कार्य शुरू भी कर चुकी हैं।

किस आधार पर बनेगी रामलला की प्रतिमा? (How big will be the statue of Shriram in Ayodhya)
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर के गर्भगृह में भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप (5 वर्ष) की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इसके लिए विद्वानों द्वारा अलग-अलग ग्रंथों में श्रीराम के बाल स्वरूप की विवेचना की जा रही है, उसी के आधार पर मूर्ति का निर्माण होगा। मूर्ति की लंबाई 52 इंच की होगी। फाउंडेशन सहित मूर्ति की कुल ऊंचाई करीब 8 फीट हो जाएगी।

किस ग्रंथ में है श्रीराम के बाल स्वरूप का वर्णन? (In which book is the description of Shri Ram's child form?)
वैसे तो भगवान श्रीराम के बाल स्वरूप का वर्णन कई धर्म ग्रंथों में मिलता है, लेकिन सबसे सटीक वर्णन वाल्मीकि रामायण के बाल काण्ड के प्रथम सर्ग में है। उसके अनुसार, इक्ष्वाकु वंश में जन्में श्रीराम के कंधे मोटे और भुजाएं घुटनों तक लंबी हैं। ठोड़ी मांसल है, छाती चौड़ी है। गले के नीचे की हड्डी (हंसली) मांस से छिपी हुई है, मस्तक सुंदर है, आंखें बड़ी हैं। ललाट भव्य और चाल मनोहर है। शरीर मध्यम और सुडौल है।



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