सार
हिंदू धर्म में भोजन से जुड़ी कई मान्यताएं और परंपराएं हैं। इनमें से कुछ परंपराएं ज्योतिष पर आधारित है तो कुछ के पीछे मनोवैज्ञानिक पक्ष छिपा है। धर्म ग्रंथों में खाने से जुड़े कुछ नियम भी बताए गए हैं।
उज्जैन. धर्म ग्रंथों में हर काम से जुड़े नियम बताए गए हैं जिसमें सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक की कार्य शामिल हैं। (Khane Ki Thali Mai Haath Kyo Nahi Dhone Chaihiye) हालांकि समय के साथ अब इन नियमों का पालन करने वाले कम ही लोग रह गए हैं। ग्रंथों में भोजन से जुड़ी भी कई बातें बताई गई हैं। इनमें से कुछ नियम की अनदेखी हमसे रोज अनजाने में हो जाती है, जो हमारी गरीबी की कारण भी बन सकती है। आगे जानिए भोजन से जुड़ी इस गलती के बारे में…
भोजन के बाद न करें ये गलती
देखने में आता है कि अधिकांश लोग जिस थाली में भोजन करते हैं, उसी में हाथ भी धो लेते हैं। ऐसा करना भोजन के नियमों के विपरीत है। ऐसा करने से न सिर्फ भोजन का अपमान होता है बल्कि इसका बुरा परिणाम भी हमें निकट भविष्य में भुगतना पड़ सकता है। भोजन की थाली में हाथ न धोकर उसे सिंक में रख देना चाहिए ताकि समय रहते वह साफ हो जाए। अधिक समय तक थाली को उसी अवस्था में भी नहीं रखना चाहिए।
देवी अन्नपूर्णा का अपमान है थाली में हाथ धोना
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भोजन यानी अनाज की देवी अन्नपूर्णा है। इनकी ही कृपा से हमें भोजन की प्राप्ति होती है, इसलिए भोजन शुरू करने से पहले इनका ध्यान जरूर किया जाता है। जो व्यक्ति भोजन करने के बाद उसी थाली में हाथ धो लेता है, वो देवी अन्नपूर्णा का अपमान करता है। देवी अन्नपूर्णा और कोई नहीं बल्कि साक्षात महालक्ष्मी का ही रूप हैं। देवी अन्नपूर्णा का अपमान करने वाला व्यक्ति हमेशा गरीबी में जीवन व्यतीत करता है।
ग्रहों से भी मिलते हैं अशुभ फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जाने-अनजाने में हमसे अपने दैनिक जीवन में कई गलतियां हो जाती हैं। भोजन की थाली में हाथ धोना भी इनमें से एक है। अधिकांश लोग इस तरह की गलती रोज करते हैं, इसलिए वे परेशान भी रहते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार, जो व्यक्ति भोजन की थाली में हाथ धोता है, ग्रह भी उसके विपरीत हो जाते हैं और अशुभ फल देने लगते हैं। इसका सबसे ज्यादा नकारात्मक असर व्यक्ति की सेहत पर पड़ता है। इसलिए भोजन की थाली में हाथ धोने से बचना चाहिए।
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