पश्चिम बंगाल के हुबली में बरासत देपारा, चंदननगर के नौवीं क्लास के छात्र सौविक सेठ ने एक ऐसा शूज ईजाद किया है, जिसे पहनकर चलने पर बिजली पैदा होगी। इस बिजली से मोबाइल, जीपीएस ट्रैकिंग से लेकर कैमरे तक सब कुछ चार्ज किया जा सकता है।
हुगली. पश्चिम बंगाल के हुगली में बरासत देपारा, चंदननगर के नौवीं क्लास के छात्र सौविक सेठ ने एक ऐसा शूज ईजाद किया है, जिसे पहनकर चलने पर बिजली पैदा होगी। इस बिजली से मोबाइल, जीपीएस ट्रैकिंग से लेकर कैमरे तक सब कुछ चार्ज किया जा सकता है। सौविक जब 5वीं कक्षा में पढ़ते थे, तब अपने चाचा शॉप में इलेक्ट्रॉनिक्स पर काम करते देखकर उनकी भी इसमें रुचि पैदा हुई। चंदननगर कनाईलाल स्कूल के अंग्रेजी विभाग के इस छात्र को साइंस एग्जिबिशन में कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
सौविक का दावा है कि उनके ईजाद किए जूते पहनकर चलने से बिजली पैदा की जा सकती है। इससे 2000 एमएएच की बैटरी आसानी से चार्ज की जा सकती है। यानी एक किलोमीटर पैदल चलने पर बैटरी चार्ज हो जाएगी। सौविक बताते हैं कि अभी अभी इस स्मार्ट शूज में इलेक्ट्रिक सिस्टम बाहर से फिट हो रहा है, लेकिन उम्मीद है कि एक महीने के भीतर सारे गैजेट जूते के तलवे में समाहित हो जाएंगे। सौविक कहते हैं कि इसके लिए उन्हें किसी शूज कंपनी की मदद की जरूरत है।
सौविक का मानना है कि उनका आविष्कारक क्रांति ला सकता है। खासकर पर्वतारोहियों के लिए यह बहुत मददगार साबित होगा।
सौविक के अनुसार, इस स्मार्ट शूट को बेकार पड़ी चीजों से बनाया है। शूज में जीपीएस सिस्टम लगा है। यानी खो जाने या चोरी हो जाने पर उसे आसानी से ढूंढ़ा जा सकेगा। यही नहीं, छोटे बच्चों की लोकेशन का भी पता चल सकेगा। शूज में कैमरा भी लगा है, जिसे घर बैठे देखा जा सकता है। यानी संदिग्धों पर नजर भी रखी जा सकती है।
शूज पहनकर चलने से गतिज ऊर्जा( kinetic energy) पैदा होती है, जो बिजली पैदा करती है। सौविक की मां सोमा सेठ बताती हैं कि वो अपने चाचा को चाइनीज लाइट का काम करते देखता था। सबसे पहले उसने कबाड़ से साइकिल कॉलिंग बेल बनाई थी। फिर एक स्पाई सूट तैयार किया। सौविक के पिता स्वरूप सेठ जूट मिल में मजदूर हैं। उनके पास इतना पैसा नहीं है, फिर भी उन्होंने बेटे को कभी रोका-टोका नहीं।
फोटो क्रेडिट-CNBCTV18
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