गाड़ी मालिकों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें इस रूट से आवाजाही करने पर टोल टैक्स नहीं देना पड़ेगा। क्योंकि इस रोड पर टैक्स खत्म हो चुका है। ऐसे में नाका भी तोड़ा जा रहा है।
इंदौर. मध्यप्रदेश के इंदौर शहर के एमआर 10 ब्रिज के टोल टैक्स को तोड़ने का काम शुरू हो गया है। क्योंकि इस मार्ग को बनाने में लगा खर्च टोल टैक्स के रूप में वाहन चालकों से वसूल लिया गया है। इस कारण अब इस रूट से आवाजाही करने वाले वाहन चालकों को एक भी रुपया टैक्स के रूप में नहीं देना पड़ेगा।
18 साल बाद टोल टैक्स से मुक्ति
जानकारी के अनुसार इस रूट पर करीब 18 साल बाद गाड़ी मालिकों को टोल टैक्स से मुक्ति मिली है। जैसे ही टोल टैक्स की राशि पूरी हो गई थी। वैसे ही कंपनी ने यहां से कर्मचारी भी हटा दिये थे। गाड़ियां भी बगैर टोल टैक्स वसूले निकल रही थी। चूंकि अब टोल टैक्स वसूलने के लिए बनाए गए केबिन ट्रैफिक में रूकावट बन रहे हैं। इस कारण उन्हें भी तोड़ा जा रहा है।
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ये था पूरा मामला
दरअसल साल 2004 में सिंहस्थ के चलते इंदौर विकास प्राधिकरण ने चंद्रगुप्त मोर्य प्रतिमा से सांवेर रोड तक सड़क बनाई थी। इसी के साथ रेलवे ट्रेक पर ब्रिज बनाने की अनुमति भी ली थी। इसके बाद ब्रिज निर्माण की जिम्मेदारी महू की एक कंपनी को दी गई थी। जिसके द्वारा 18 साल तक टोल टैक्स लेने का अनुबंध किया था। हालांकि बाद में ब्रिज नगर निगम की सीमा में आ गया, इस कारण इंदौर के वाहनों से टोल टैक्स नहीं लिया जाता था। लेकिन बाहर से आने वाले वाहनों से टैक्स वसूला जाता था। लेकिन अब उसकी भी सीमा समाप्त हो गई है। इस कारण अब इस रूट पर किसी भी वाहन मालिक से टोल टैक्स नहीं वसूला जा रहा है। अब टोल नाका भी तोड़ा जा रहा है।
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