
जयपुर। राजधानी जयपुर में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी ने ईडी के एक अधिकारी को 15 लाख की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। एसीबी की टीम ने ईडी अफसर के सहयोगी को भी गिरफ्तार किया है। आरोपी अधिकारी से एसीबी की टीम पूछताछ कर रही है।
मणिपुर का केस सेटल करने को मांगी थी रिश्वत
एसीबी प्रर्वतन निदेशालय के एक अधिकारी और उसके सहयोगी कर्मचारी को 15 लाख रुपए लेते ट्रैप कर लिया। दोनों ने रुपये अपने हाथ में ले लिए थे और बैग में रखने ही वाले थे कि एसीबी के अफसर वहां आ गए और दोनों को अरेस्ट कर लिया। अफसर और कार्मिक दोनों जयपुर के ही रहने वाले हैं और मणिपुर के एक केस को सैटल करने की एवज में इन लोगों ने ये पैसे लिए थे।
मणिपुर के इंफाल में नवल किशोर मीणा है ईडी अफसर
एसीबी अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर के इंफाल में नवल किशोर मीणा प्रर्वतन अधिकारी है। वे मूल रूप से जयपुर के बस्सी इलाके का रहने वाला हैं। उसने मणिपुर में दर्ज हुए एक चिट फंड कंपनी के केस को सैटल करने, सम्पत्ति अटैच नहीं करने और अन्य कई सुविधाएं पहुंचाने के नाम पर आरोपी से रिश्वत की मांग की थी। 17 लाख रुपए में सौदा तय हुआ और पहली किश्त पंद्रह लाख रुपए की मांगी गई।
चिट फंड के आरोपी से मांगी रिश्वत
अधिकारी नवल किशोर और चिट फंड कंपनी केस के आरोपी के बीच में नवल किशोर मीणा का सहयोगी बाबूलाल मीणा मीडियेटर था। दोनों के बीच में डील कराने का काम बाबूलाल का ही था। बाबूलाल भी बस्सी इलाके का ही रहने वाला है।
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एसीबी ने किया ट्रैप
इस बीच एसीबी के पास पीड़ित पहुंचा और उसने ईडी अफसर की डिमांड के बारे में जानकारी दी। एसीबी को बताया गया कि किस तरह से मणिपुर के एक केस के बदले रिश्वत मांगी जा रही है। एसीबी अफसरों ने ट्रैप की तैयारी की और आज अलवर में उसे ट्रैप कर लिया गया।
बाबूलाल मीणा ने पीड़ित को रुपए देने के लिए अलवर बुलाया था। नवल किशोर मीणा खुद भी वहां पहुंच गया था। दोनों को रुपए लेते हुए ऐसीबी ने ट्रैप कर लिया। बाबूलाल मीणा अलवर जिले के खैरथल कस्बे में कनिष्ठ सहायक कार्यालय, उप पंजीयक के पद पर तैनात हैं। एसीबी के अधिकारी मौके पर हैं।
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