राजस्थान के भरतपुर शहर में आरक्षण का बवाल थमा नहीं है। तीन समाज के लोग 40 घंटों से सड़कों में जमे हुए है। अब इस आंदोलन में महिलाए और बच्चे भी डंडे लेकर शामिल हो गई है। हालात ये हो गए है कि लोगों ने वहीं तंबू बना लिए है। 2 दिनों से इंटरनेट बैन है।
भरतपुर (bharatpur news). राजस्थान में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं। चुनाव से पहले राजस्थान में अचानक समाज और जातियों के आंदोलन की बाढ़ सी आ गई है। पिछले दिनों जयपुर उदयपुर दौसा में अलग-अलग समाज के लोगों ने शक्ति प्रदर्शन किया था अब राजस्थान के भरतपुर जिले में पांच अलग-अलग समाज के लोग आरक्षण की मांग को लेकर पिछले 40 घंटे से धरने प्रदर्शन पर उतरे हुए हैं । उन्होंने भारी पत्थर, लकड़ी के गट्ठर और वाहन आड़े तिरछे लगाकर जयपुर आगरा नेशनल हाईवे को जाम कर रखा है।
आंदोलन में शामिल हुए महिलाएं और बच्चे भी
40 घंटे में सरकार के प्रतिनिधियों से दो बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन यह दोनों वार्ता विफल रही है। समाज 12% आरक्षण की मांग कर रहा है और इस मान में शामिल होने के लिए आज से महिलाएं और बच्चे भी आ गए हैं। दरअसल राजस्थान में माली समाज, कुशवाहा समाज , मौर्य समाज समेत दो अन्य समाज 12% आरक्षण की मांग कर रहे हैं। पिछले कुछ सालों से यह मांग लगातार जारी है और इस दौरान मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी प्रतिनिधियों से कई बार वार्ता भी हो चुकी है , लेकिन समाज के प्रतिनिधियों का दावा है हर बार वार्ता के बाद वार्ता करने वाले अधिकारी मुकर जाते हैं ।
नेशनल हाइवे में बनाया आस्थायी ठिकाना
शुक्रवार देर रात से भरतपुर के नेशनल हाईवे 21 नंबर पर अरोड़ा गांव के नजदीक अलग-अलग समाज के लोगों ने मिलकर जाम कर रखा है । आगरा और अन्य राज्यों की तरफ जाने वाले वाहनों को अन्य रास्तों से निकाला जा रहा है । शनिवार को दो बार समाजों के प्रतिनिधियों की जिला कलेक्टर और मंत्री टीकाराम जूली से बातचीत हुई, लेकिन बात नहीं बनी ।
2 दिनों से बंद है इंटरनेट सर्विस
माहौल खराब नहीं हों इस कारण सरकार ने भरतपुर और आसपास के कई कस्बों में शुक्रवार देर रात 12:00 बजे से लेकर रविवार रात 12:00 तक इंटरनेट बंद कर दिया है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इंटरनेट बंदी को बढ़ाया जा सकता है । इंटरनेट बंद होने के कारण विद्यार्थी और व्यापारी अच्छे खासे परेशान हैं।
समाज के मुखिया किए गए अरेस्ट
फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक पप्पू भाई प्रधान ने बताया कि हमारे समाज के मुखिया मुरारीलाल और अन्य समाजों के कई पदाधिकारियों को शुक्रवार को हिरासत में ले लिया गया। उन्हें अन्य राज्यों में ले जाकर बंद कर दिया गया है। जब तक सरकार उन्हें रिहा नहीं करती और हमारी आरक्षण को मांग को मौके पर ही पूरा नहीं करती , तब तक यह आंदोलन जारी रहने वाला है। इस आंदोलन में अब महिलाएं और बच्चे भी कूद गए हैं।
इस पूरे मामले में संभागीय आयुक्त और भरतपुर कलेक्टर दोनों नजर बनाए हुए हैं। दोनों सभी समाज के पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर चुके हैं , लेकिन वार्ता में सहमति नहीं बनी है । अब सोमवार को एक बार फिर से वार्ता का दौर शुरू होना है।
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