
जयपुर. राजस्थान में इस बार 10 वीं का रिजल्ट काफी बेहतर आया है। इसके बावजूद भी कुछ स्टूडेंट संतुष्ट नहीं है। वे फर्स्ट डिवीजन आने के बाद भी सुसाइड कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें ये तो सोचना चाहिए कि उनके इस फैसले से उनके माता पिता पर क्या गुजरती होगी। अगर उन्हें इतना ही है तो वे फिर से उसी क्लास परीक्षा दें। लेकिन ऐसा रास्ता नहीं अपनाएं। जिससे खुद के साथ ही परिजनों का जीवन भी अंधकार में फंस जाए।
10 लाख से 9.30 लाख हुए पास
हाल ही में राजस्थान में कक्षा दसवीं का परिणाम जारी हुआ। 10 लाख से ज्यादा बच्चे परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा परिणाम भी काफी बेहतर रहा। 10 लाख में से करीब 9.30 लाख स्टूडेंट पास हुए। लेकिन इसी बीच राजस्थान में नंबर कम आने पर स्टूडेंट डिप्रेशन में आकर गलत कदम उठाने लगे हैं। राजस्थान में दो ऐसे ही मामले सामने आए हैं।
भरतपुर में भी सुसाइड
पहला मामला भरतपुर का है। यहां दसवीं कक्षा में एक लड़की के 66 प्रतिशत नंबर आए तो उसने नहर में छलांग लगा दी। हालांकि गनीमत मत रही कि आसपास के लोगों ने उसे देख लिया और फिर उसे रस्सी के सहारे वापस ऊपर लेकर बचा लिया।
टेंशन में आकर सुसाइड
उसने बताया कि जब रिजल्ट आया था तो उसके परसेंटेज काफी कम आए। जिसके चलते वह तनाव में आ गई और नहर में कूदने का फैसला लिया। ऐसा ही मामला बीकानेर से सामने आया है। यहां 15 साल के स्टूडेंट ने बेकार रिजल्ट आने पर नहर में कूद कर सुसाइड कर लिया।
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वाहिद खान ने किया सुसाइड
मृतक का नाम वाहिद खान है। जिसके 57% अंक आए। लेकिन उसे यह नंबर कम लग रहे थे ऐसे में उसने सुसाइड किया। घर से काफी देर तक बाहर रहने के बाद भी वह घर नहीं लौटा तो परिजनों ने उसकी तलाश करना शुरू की तो पंपिंग स्टेशन के पास उसकी चप्पल पड़ी मिली। इस स्टेशन से करीब 5 किलोमीटर दूर एसडीआरएफ की टीम ने उसका शव निकाला।
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