इस बार का लोकसभा चुनाव काफी रोचक रहने वाल है। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के 7 नेता ऐसे हैं। अगर वे चुनाव जीतते हैं तो उनकी बल्ले बल्ले हो जाएगी। अगर वे चुनाव हार जाते हैं। तो उनकी मौज रहेगी। क्योंकि वे विधायक तो रहेंगे ही सही।
जयपुर. राजस्थान में अब से करीब 28 दिन बाद लोकसभा चुनाव की मतगणना होनी है। राजस्थान में इस बार का चुनाव बेहद रोचक माना जा रहा है। भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह ने खुद मान लिया है कि राजस्थान में इस बार उनकी सीटों में कमी आने वाली है। हालांकि अब यह बात तो परिणाम के दिन ही पता चलेगी।
ये हैं भाजपा कांग्रेस के नेता
हर बार की तरह इस बार भी लोकसभा चुनाव में कई ऐसे प्रत्याशी मैदान में है जो मौजूदा समय में विधायक भी हैं। इन में रविंद्र सिंह भाटी,हरीश मीणा,हनुमान बेनीवाल,राजकुमार,मुरारी लाल मीणा, ललित यादव, बृजेंद्र ओला हैं। जो मौजूदा समय में विधायक हैं और इस बार लोकसभा चुनाव के लिए भी मैदान में है। अब यदि यह चुनाव जीतते हैं तो देश की सबसे बड़ी पंचायत संसद का सदस्य बनेंगे।
हारेंगे तो भी रहेगा पद
वहीं यदि दूसरी तरफ यह चुनाव हार भी जाते हैं तो इन्हें कोई ज्यादा नुकसान नहीं होगा क्योंकि इनके पास विधायक का पद तो रहेगा ही। ऐसे में आने वाले 4 साल तक यह विधायक पद पर रहते हुए जनता की सेवा करने में लगे रहेंगे। आपको बता दे कि मौजूदा विधायक को ही पार्टी द्वारा टिकट इसलिए दिया जाता है किस क्षेत्र विशेष में या तो उनकी पकड़ मजबूत होती है या फिर जातीय समीकरणों के आधार पर वह एकदम फिट बैठते हैं।
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इससे पहले भी लड़े चुनाव
यह पहला मौका नहीं है जब चुनाव में मौजूदा सांसद दिया विधायक चुनाव लड़ रहे हो। इसके पहले विधानसभा चुनाव में भी राज्यसभा सांसद डॉक्टर किरोडी लाल मीणा और हनुमान बेनीवाल ने सांसद रहते हुए चुनाव के लिए नामांकन किया। हालांकि चुनाव जीतने के बाद दोनों ने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया।
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