राजस्थान से हैरान करने वाली खबरे सामने आई है। यहां आज के दिन दो युवको की जान चली गई। हैरानी की बात यह है कि दोनो की मौत जलने से हुई है। इन दोनों का 70 फीसदी से ज्यादा झुलसने के चलते इलाज चल रहा था, जहां दोनों जिंदगी की जंग हार गए।
चित्तौड़गढ़ (chittorgarh news). राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले से खबर है। चित्तौड़गढ़ में आज दो युवकों की मौत हो गई । दोनों की जलने से मौत हुई है । एक युवक की उम्र 26 साल है दूसरे की करीब 45 साल है। दोनों की मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है । चित्तौड़गढ़ जिले की पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच पड़ताल कर रही है ।
पहला मामला- प्रेम प्रसंग के चलते युवक ने लगाई आग
कोतवाली पुलिस ने बताया कि भीलवाड़ा जिले का भानु प्रताप 26 फरवरी को कोतवाली इलाके में आया था। थाना इलाके में एक घर के सामने उसने पेट्रोल की पूरी बोतल अपने सर पर उड़ेल ली और उसके बाद खुद को आग लगा ली। आसपास रहने वाले लोगों को भानु प्रताप की चीख-पुकार सुनाई दी , तब जाकर पुलिस को इसकी सूचना मिली । पुलिस ने मौके पर पहुंचकर उसे कंबल डालकर आग को काबू किया और बाद में उसे चित्तौड़गढ़ जिले के अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से करीब 70 फ़ीसदी झुलस जाने के कारण उसे उदयपुर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। लेकिन आज सवेरे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि यह प्रेम प्रसंग के चलते हुआ। भानु प्रताप किसी व्यक्ति पर परेशान करने का भी आरोप लगा रहा था। काफी ज्यादा झुलस जाने के कारण वह सही तरीके से पर्चा बयान भी नहीं दे सका था।
दूसरा मामला- होलिका दहन के दिन जलती आग में कूदा, बुरी तरह से झुलसा
उधर चित्तौड़गढ़ जिले की ही कपासन थाना इलाके में रहने वाले 45 साल के बालूराम की भी जलने से मौत हो गई । दरअसल 6 मार्च को होलिका दहन की शाम को गांव में होलिका दहन चल रहा था। रीत रिवाज के अनुसार होलिका दहन के बीच खड़े हुए डंडे को भक्त प्रहलाद मानकर उसे होलिका से बाहर निकालना था ,ताकि वह जल नहीं जाए । लेकिन कई कोशिश करने के बाद भी ग्रामीण प्रहलाद स्वरूप डंडे को बाहर नहीं निकाल सके। इसी दौरान बालूराम तेजी से वहां आया और जलती होलिका में कूद गया। वह प्रहलाद बने डंडे से चिपक गया और उसे खींचने लगा। उसे लगा कि वह तुरंत बाहर निकल आएगा , लेकिन वह जलती होलिका में गिर गया। ग्रामीणों ने जैसे-तैसे उसे बाहर निकाला उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। वह करीब 80 फ़ीसदी तक झुलस गया था।
इलाज के दौरान गई जान, परिवार के भूखों मरने की आई नौबत
बुरी तरह झुलसने के बाद उसका 6 मार्च से अस्पताल में भर्ती होने के बाद आज तक इलाज चलता रहा पर आज दोपहर में उसकी मौत हो गई। परिवार में तीन बेटियां हैं जिनकी शादी करनी है। बालूराम मजदूरी करके परिवार का खर्च चलाता था। लेकिन अब परिवार के सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है।
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