राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले ही करीब 3 दर्जन नेताओं का चुनाव लड़ने का सपना चूर-चूर हो गया।आयोग की ओर से जारी सर्कुलर ने राजस्थान का पॉलिटिकल गणित ही बिगाड़ दिया।
जयपुर। राजस्थान में 25 नवबंर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। प्रदेश के कई राजनीतिक दलों से लोग टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इसी बीच चुनाव आयोग की ओर से जारी एक सर्कुलर ने राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। दरअसल चुनाव आयोग की ओर से राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव लड़ चुके ऐसे 43 लोगों की सूची जारी की है जो इस बार चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं।
चुनाव लड़ने के अयोग्य साबित हुए ये नेता
खाजूवाला से मिट्ठू सिंह, चूरू से उषा राठौर, उदयपुरवाटी से कृष्ण कुमार और भीम सिंह, झोटवाड़ा से दिलीप कुमार शर्मा, आदर्श नगर से अब्दुल अज़ीज, मुंडावर से आनंद यादव, बानसूर से ओमप्रकाश गुर्जर, कुलदीप शर्मा, मीराबाई और कामां से बालकिशन, भरतपुर से योगेश, नदबई से राजवीर सिंह, बयाना से मिश्री प्रसाद कोहली, जैतारण से लादू सिंह, पाली से मोहम्मद अली, मारवाड़ जंक्शन से अमर सिंह और देवाराम, भीनमाल से नंदा देवी, सांचौर से डॉ. बुधराम बिश्नोई, सीकर से भगवान सहाय और अंकुर शर्मा, भरतपुर से तेजवीर सिंह के नाम चुनाव न लड़ पाने वालों की सूची में हैं।
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ये नेता भी इस बार नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
इसके साथ ही टोंक-सवाई माधोपुर से मुकेश कुमार और प्रेमलता बंसीवाल, रायसिंहनगर से कुंभाराम, अलवर ग्रामीण से जीतू जाटव, अलवर शहर से नवजोत सिंह और शोभाराम, सोजत से अंबालाल जगदीश, सुमेरपुर से शंकर सिंह, कपूराराम, संतोष, इमरान, सोहन सिंह औरआहोर से बलवंत सिंह पीपल्दा से नरेश जांगिड़, सांगोद से धनराज सिंह, भैरव लाल मालव, अंता से भुवनेश, खानपुर से मोहनलाल चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिए गए हैं।
अयोग्य करार देने के पीछे ये कारण
चुनाव आयोग इलेक्शन के दौरान प्रत्याशियों से उनकी संपत्ति सहित अन्य विवरण मांगता है और प्रत्याशियों के लिए चुनाव में प्रचार प्रसार के दौरान खर्च की गई राशि का भी पूरा रिकॉर्ड मांगता है। लेकिन इन 43 नेताओं ने चुनाव के दौरान किए गए खर्च का रिकॉर्ड सही से नहीं दिया या फिर रिकॉर्ड बताया ही नहीं। इसके बाद जब चुनाव आयोग ने इन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है।