
जयपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने आज बड़ा एक्शन लिया है। कार्रवाई में प्रदेश सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग यानि पीडब्ल्यूडी के तीन अफसरों पर शिकंजा कसा गया है। इनमें एक अफसर रिश्वत दे रहा था, दूसरा अफसर घूस ले रहा था और तीसरा दोनों के बीच डील करवा रहा था।
एसीबी को इन अफसरों के विभाग से ही किसी ने इस बारे में सूचना दी थी। ये लेनदेन होने के दौरान ही एसीबी ने रेड कर दी और तीनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। एसीबी जयपुर की टीम ने रेड की है।
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विभागीय जांच अपने पक्ष में करने लिए रिश्वत की पेशकश
एसीबी अफसरों ने बताया कि राजस्थान के डूंगरपूर जिले में तैनात अधिशासी अभियंता जितेन्द्र कुमार जैन के बारे में जानकारी मिली थी कि उनके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जयपुर स्थित हेड क्वाटर से इस मामले में जांच की जानी है और जैन को इस जांच के लिए नोटिस भी भेजा गया। ये नोटिस हेड क्वाटर में बैठने वाले मुख्य अभियंता सुबोध कुमार मलिक की ओर से दिया गया था। जितेंद्र कुमार जैन को जल्द ही अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था।
भीलवाड़ा के अफसरों पर कसा शिकंजा
जितेंद्र जैन ने मलिक को रिश्वत देने की सोची और इसके लिए भीलवाड़ा जिले में तैनात मुख्य अभियंता अनंत कुमार से मुलाकात की। पता चला कि अनंत कुमार और सुबोधा मलिक में अच्छी जान पहचान थी। जितेंद्र ने अनंत कुमार के जरिए सुबोध को जांच अपने पक्ष में करने के लिए दस लाख रुपए ऑफर कर दिए। मलिक भी इसके लिए राजी हो गया।
10 लाख रुपये लेते गिरफ्तार किया
आज ये पैसा जयपुर में देना तय हुआ। सूत्रों के हवाले से इस बारे में जैसे ही एसीबी को सूचना मिली तो उसने रेड डाल कर दस लाख रुपए देने वाले जितेंद्र, सुबोध मलिक और बिचौलिया अनंत कुमार तीनों को दबोच लिया। तीनों अफसरों से एसीबी की ओर से पूछताछ की जा रही है।
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