जयपुर.इस दुनिया में कोई सा भी धर्म या मजहब हो उसमें मां को सबसे ऊंचा दर्जा दिया गया है। जब उसी मां के कुछ होता है तो परिवार उसका ध्यान रखने में लग जाता है। मां के कुछ होने पर सबसे ज्यादा दर्द उसके बेटे को होता है। कुछ ऐसा ही तेलंगाना के आसिफ अंसारी के साथ हुआ। जो इन दिनों पैदल ही हज यात्रा पर निकले हुए हैं। वह अब कोटा के विज्ञान नगर इलाके में पहुंचे तो वहां उनका स्वागत किया गया।
आसिफ ने बताया कि उनकी मां अलीमुनीशा की तबीयत खराब हो गई। जिसे उन्होंने कई जगह इलाज करवाया लेकिन कोई भी राहत नहीं मिली। इसलिए आसिफ ने अल्लाह ताला से मन्नत मांगी कि यदि उनकी मां ठीक होती है तो वह पैदल ही हजयात्रा करने के लिए जाएंगे। मां के ठीक होने के बाद 1 सितंबर को आसिफ तेलंगाना से रवाना हुए।
करीब 2 महीने बाद अब वह राजस्थान में पहुंचे हैं। अंसारी बताते हैं कि रोजाना वह करीब 72 किलोमीटर का सफर तय करते हैं। इसके बाद उचित जगह पर रेस्ट करते हैं। वह अब हरियाणा, पंजाब, वाघा बॉर्डर,पाक बॉर्डर, इराक और अफगानिस्तान होते हुए सऊदी अरब और उसके बाद मक्का मदीना पहुंचेंगे। अंसारी बताते हैं कि उन्हें अब तक के सफर में किसी भी तरह की कठिनाई नहीं हुई। क्योंकि आगे से आगे लोग उनकी मदद करने के लिए तैयार रहते हैं।
अंसारी बताते हैं कि शुरू में एक-दो दिन तो उन्हें कई किलोमीटर की यात्रा करने में काफी परेशानी हुई लेकिन अब उन्हें लगता है कि यह उनका रूटीन बन चुका है। उन्हें अब रोजाना 72 किलोमीटर का सफर तय करना भी कोई मुश्किल काम नहीं लगता है। वह आसानी से रोजाना इतना सफ़र तय कर लेते हैं।
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