राजस्थान में सरकार अड़ी तो नहीं झुके डॉक्टर भी, हो रहा मरीजों का हाल- बेहाल, क्या निकलेगा बीच का रास्ता

राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल को लेकर 50 हजार से अधिक डॉक्टरों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है। जिसके चलते प्रदेश के कई मरीजो को इलाज नहीं मिल रहा है। जहां सरकार बिल वापस नहीं ले रही वहीं डॉ. भी नहीं झुक रहे हैं। अब बीच का रास्ता निकाल रही सरकार।

Sanjay Chaturvedi | Published : Mar 28, 2023 12:09 PM IST / Updated: Mar 28 2023, 06:38 PM IST

जयपुर (jaipur news). पचास हजार से भी ज्यादा डॉक्टर्स और उनके स्टाफ ने कल राजस्थान की राजधानी जयपुर को जाम कर दिया। इतनी बड़ी रैली निकाली गई कि सरकार भी परेशान नजर आई। डॉक्टरों के इस विरोध प्रदर्शन को बीजेपी नेताओं का भी साथ मिल रहा है। ऐसे में आंदोलन कम होने की जगह बढ़ता जा रहा है। लेकिन इस बीच सोमवार रात राजस्थान के हैल्थ मिनिस्टर परसादी लाल मीणा ने यह साफ कर दिया है कि सरकार किसी भी कीमत पर राइट टू हैल्थ बिल वापस नहीं लेगी।

नहीं निकला बीच का रास्ता तो सरकार उठाएगी गंभीर कदम

यह जनता के साथ धोखा होगा, सरकार किसी भी स्तर पर जनता के साथा धोखा नहीं करेगी। फिर चाहे किसी भी स्तर पर जाना हो। हैल्थ मिनिस्टर के इस बयान के बाद अब चिकित्सा विभाग से जुड़े अधिकारियों को भी निर्देश जारी किए गए हैं कि वे सख्ती की तैयारी करें। हालांकि आज जयपुर में एक और बार सरकार डॉक्टरों से संवाद करने का मानस बना रही है। लेकिन इसमें भी कोई बीच का रास्ता नहीं निकलता है तो फिर सरकार गंभीर कदम उठाने की तैयारी कर लेगी।

साठ हजार से ज्यादा ऑपरेशन टले, परेशान हो रहे मरीज

पिछले करीब सात आठ दिन से लगातार निजी अस्पतालों के डॉक्टर हडताल पर हैं । ऐसे में इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों को बेहद कम इलाज मिल पा रहा है। कई अस्पतालों में तो मरीजों को डिस्चार्ज तक नहीं किया जा रहा ताकि वे सरकारी अस्पतालों में इलाज करा सकें। बताया जा रहा है कि पूरे राजस्थान में छोटे बड़े मिलाकर करीब साठ हजार ऑपरेशन टल गए हैं। मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पतालों के चिकित्सक भी निजी अस्पताल के चिकित्सकों को सपोर्ट कर रहे हैं। वहां भी पूरी तरह से इलाज नहीं मिल पा रहा है और लंबी कतारें लग रही है। उत्तर भारत के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस अस्पताल में हर दिन बीस हजार से भी ज्यादा मरीज ओपीडी में आते हैं , उनको भी इलाज में समस्या आ रही है। ऐसे में मरीज मेडिकल की दुकानों से सीधे ही दवाईयां लेने को मजबूर हैं।

तीन बार वार्ता कर चुकी सरकार, डॉक्टर झुकने को तैयार नहीं

सरकार तीन बार वार्ता कर चुकी है डॉक्टर्स के समूह से, लेकिन तीनों बार ही कोई रास्ता नहीं निकल सका। ऐसे में सरकार अब चौथी बार वार्ता करने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसमें भी कोई परिणाम निकलता नहीं दिखाइ्र दे रहा है। सरकार ने सभी जिलों के कलक्टर और एसपी से संवाद कर निजी अस्पतालों की पूरी कुंडली मंगा ली है। बताया जा रहा है कि अब बड़ा प्रहार किया जा सकता है।

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