राजस्थान के बाड़मेर से फर्जीवाड़े की एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां अपने छोटे भाई को डॉक्टर बनाने के लिए बड़ा भाई नीट की एग्जाम देने पहुंच गया। जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अब दोनों भाई डॉक्टर बनकर अस्पताल पहुंचने की जगह जेल पहुंच गए हैं।
बाड़मेर. नीट का एग्जाम रविवार को पूरे देश में दिया गया है। लेकिन इस दौरान राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में नकल और डमी कैंडिडेट के मामले सामने आए हैं। राजस्थान में तीन अलग-अलग जिलों में तीन केस दर्ज किए गए हैं। इनमें राजस्थान के बाड़मेर शहर का नाम भी शामिल है।
छोटे भाई के लिए दी कुर्बानी
बाड़मेर शहर में रहने वाले एक युवक ने अपने छोटे भाई के लिए अपनी एमबीबीएस को खटाई में डाल दी। वह एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का स्टूडेंट था और उसने अपने छोटे भाई की जगह परीक्षा देकर उसे पास कराने की कोशिश की। लेकिन एग्जामिनर ने उसे देखते ही पहचान लिया और तुरंत मैनेजमेंट को इसकी सूचना दी। इसके बाद दोनों भाई गिरफ्तार हुए। जिन्हें सोमवार को जेल भेज दिया गया है।
एसपी ने किया खुलासा
बाड़मेर एसपी नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि बाड़मेर के अंतरी देवी राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रिंसिपल अनीता चौधरी ने फोन पर सूचना दी थी। प्रिंसिपल की सूचना के तुरंत बाद पुलिस टीम वहां पहुंची पता चला परीक्षार्थी गोपाल राम की जगह दूसरा व्यक्ति डमी कैंडिडेट के रूप में एग्जाम दे रहा है।
दोनों भाई को किया गिरफ्तार
पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंच गई और गोपाल राम बिश्नोई की जगह परीक्षा दे रहे भागीरथ राम बिश्नोई को हिरासत में ले लिया। पूछताछ में पता चला कि वह अपने छोटे भाई की जगह परीक्षा दे रहा था। छोटा भाई कहां है तो पता चला वह नजदीक ही एक धर्मशाला में ठहरा हुआ है । दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया है ।
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आधार कार्ड में एडिटिंग कर परीक्षा देने पहुंचा छात्र
पुलिस ने बताया बड़ा भाई जोधपुर में एमबीबीएस फर्स्ट ईयर का छात्र है। छोटे भाई की जगह परीक्षा देने के लिए उसने आधार कार्ड में एडिटिंग की थी। लेकिन वह इतनी खराब थी की पहली बार में ही उसे पकड़ लिया गया। आज दोनों को जेल भेज दिया गया है।
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