दो करोड़ युवाओं पर सरकार फोड़ने जा रही ये महंगाई बम...जानें क्या है माजरा?

Published : Nov 17, 2024, 11:56 AM IST
Rajasthan Staff Selection Board

सार

राजस्थान सरकार अब प्रतियोगी परीक्षा के लिए आवेदन शुल्क लागू करने पर विचार कर रही है। इस निर्णय से राज्य के लगभग 2 करोड़ बेरोजगारों पर महंगाई का असर पड़ सकता है। जानिए इस फैसले का बेरोजगारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसके पीछे की वजह।

जयपुर। राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं में सरकार अब बड़ा बदलवा करने जा रही है। पिछले कुछ समय से सरकारी नौकरी के लिए आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की उपस्थिति में भारी कमी देखी जा रही है। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और राजस्थान लोक सेवा आयोग की परीक्षाओं में औसतन 60 फीसदी से भी कम अभ्यर्थी उपस्थित हो रहे हैं, जिससे राज्य सरकार को परीक्षा आयोजित करने का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।

किन परिस्थितियों में राजस्थान सरकार ने आवदेन शुल्क लागू करने की बनाई योजना

इन परिस्थितियों में अब राजस्थान सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन शुल्क फिर से लागू करने पर विचार कर रही है। पहले कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई वन टाइम रजिस्ट्रेशन योजना के तहत अभ्यर्थियों को परीक्षा शुल्क से मुक्त रखा गया था। लेकिन अब सरकार की ओर से इसे खत्म करने का प्रस्ताव भेजा गया है। अगर यह निर्णय लागू होता है, तो राज्य के करीब 2 करोड़ बेरोजगारों पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

एक परीक्षा के लिए प्रति अभ्यर्थी कितना आता है सरकार का खर्चा?

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अनुसार प्रति अभ्यर्थी पर औसतन 600 रुपये का खर्चा आता है। ये खर्च परीक्षा के आयोजन से लेकर पेपर छपवाने, परीक्षा केंद्रों के किराए, परिवहन और शिक्षकों की ड्यूटी तक सभी पहलुओं को कवर करते हैं। लेकिन जब अभ्यर्थी परीक्षा में अनुपस्थित रहते हैं, तो यह खर्च बढ़ जाता है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि कई बार अभ्यर्थी एक साथ कई परीक्षाओं के लिए आवेदन कर देते हैं, लेकिन किसी एक परीक्षा में भी उपस्थित नहीं होते, जिससे सरकारी संसाधनों की बर्बादी होती है।

सराकर के फैसले पर बेरोजगार युवाओं ने जताया विरोध

हालांकि, सरकार के इस फैसले का बेरोजगारों द्वारा विरोध किया जा रहा है। राष्ट्रीय फ्रीडम यूनियन के हनुमान किसान ने इसे बेरोजगारों के साथ धोखा करार दिया है और इसे लागू न करने की मांग की है। उनका कहना है कि पहले से ही बेरोजगारों की स्थिति खराब है, और अब इस अतिरिक्त शुल्क से उनकी परेशानियां और बढ़ जाएंगी।

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष ने क्या कहा?

राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष अलोक राज ने इस पर कहा कि आवेदन शुल्क लागू करने से अभ्यर्थियों की जिम्मेदारी बढ़ेगी और वे परीक्षा देने के प्रति अधिक गंभीर होंगे। हालांकि, इस प्रस्ताव पर सरकार की ओर से अंतिम निर्णय जल्द ही लिया जाएगा।

नौकरी की तलाश में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे युवाओं पर संकट

कुल मिलाकर यह फैसला बेरोजगारों के लिए एक नया संकट उत्पन्न कर सकता है, क्योंकि वे पहले ही नौकरी की तलाश में आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। सरकार के इस कदम से जहां एक ओर परीक्षा के खर्च को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है, वहीं दूसरी ओर बेरोजगारों के लिए यह एक और चुनौती बन सकती है।

 

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