सवाई माधोपुर. हाल ही में बीते साल मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका के नामीबिया से चीते लाए गए थे। शुरू में तो जहां यह चीते इंडिया के मौसम और पर्यावरण को सूट ही नहीं कर पा रहे थे। लेकिन अब इन्हीं चीतों ने आसपास के वातावरण से ऐसे घुलमिल गए है कि प्राकृतिक कोरिडोर भी बना लिया है। जो अब राजस्थान से मध्यप्रदेश को जोड़ रहा है। संभावना जताई जा रही है कि जल्द दोनों सरकारें मिलकर इसे कोरिडोर बना भी सकती है जिसके बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश दोनों में ही पर्यटन के क्षेत्र में कई विस्तार और विकास के काम होने वाले हैं।
चीते कूनो पार्क से रणथंबोर नेशनल पार्क पहुंच रहे
आपको बता दें कि नामीबिया से आए चीतों में एक चीता ओवन भी आया था। जो कूनो के जंगल के अलावा शिवपुरी के जंगलों तक विचरण करता है। यह वही इलाका है जो मध्य प्रदेश के 2 जिलों के अलावा राजस्थान के सवाई माधोपुर के रणथंबोर नेशनल पार्क का भी हिस्सा है। पहले इन्हीं जंगलों के जरिए सवाई माधोपुर के टाइगर कूनो और एक अन्य माधव नेशनल पार्क में विचरण कर चुके होते हैं।
पसंद आ रहे राजस्थान के जंगल भी
एक्सपर्ट्स ने बताया कि कूनो से आया चीता एक जगह रहना पसंद नहीं करता है। वह हर रोज करीब 20 से 25 किलोमीटर का सफर तय कर अपनी लोकेशन बदलता रहता है। हालांकि इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि उन्हें मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान के जंगल भी अच्छे लग रहे हो। ऐसे में यदि दोनों रिजर्व को मिलाकर एक किया जाता है तो इन चीतों और रणथंबोर के टाइगर के लिए एक काफी बड़ा बफर एरिया हो सकेगा। वही टाइगर और चीते में संघर्ष भी नहीं होता है। हालांकि दोनों एक होने से अन्य जंगली जानवरों को खतरा रह सकता है।
वहीं फिलहाल कूनो नेशनल पार्क की टीम चीते ओवान पर पूरी नजर बनाए हुए हैं। जिससे पता रहे कि वह कौन सा जंगली जानवर खाना पसंद करता है और इसके अलावा कौन कौन से इलाके में सबसे ज्यादा विचरण करता है।
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