सीकर (sikar news). राजस्थान का सबसे बड़ा मेला जो पिछले 11 दिन से चल रहा था, वह आज समाप्त हो गया। यह मेला 22 फरवरी से शुरू हुआ था, उसके बाद आज यानी 4 मार्च को दोपहर करीब 4:00 बजे यह मेला समाप्त हो गया। खाटू श्याम की नगरी में बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए इन 11 दिन में 40 लाख से भी ज्यादा भक्तों पहुंचे। मंदिर में इस बार इतने शानदार इंतजाम किए गए थे कि इतने लाख वक्त पहुंचने के बाद भी प्रशासन को किसी तरह की और भक्तों को किसी तरह की परेशानी नहीं हुई।
मंदिर में रेनोवेशन के बाद दर्शन के समय में आई कमी
पहले दर्शन करने के लिए 8 से 10 घंटे का समय लगता था। लेकिन अब यह समय बहुत कम हो गया और दर्शन भी एकदम नजदीक से होने लगे हैं। दरअसल द्वादशी के दिन सूरजगढ़ दरबार का 375 निशांत श्याम दरबार के शिखर पर पारंपरिक तरीके से चढ़ाया जाता है, उसके अगले दिन मेला संपूर्ण हो जाता है ।
भक्तों की सुरक्षा में लगे थे कई पुलिसकर्मी
श्री श्याम मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि पुलिस का भारी इंतजाम रहा। प्रशासन मौके पर तैनात रहा और जो भक्त है उन भक्तों ने भी अनुशासन बनाए रखा। मंदिर प्रशासन ने पहली बार मंदिर में नई इंतजाम किए। पहले जिक जैक लाइने लगती थी, इसी में भक्त दर्शन कर पाते थे। लेकिन अब सीधी लाइने बना दी गई। मंदिर के आसपास से अतिक्रमण हटा दिया गया, जिससे मुख्य सड़क कई फीट चौड़ी हो गई।
श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए बनाई गई लाइनें
मंदिर प्रबंधन कमेटी ने कहा कि करीब 30 से ज्यादा लाइने इस बार बनाई गई। इसमें महिलाएं एवं पुरुषों के लिए अलग बंदोबस्त भी था। सबसे बड़ी बात यह रही कि वीआईपी दर्शन करने का जो रूट था वह बंद कर दिया गया। अब सभी लोग चाहे वह करोड़पति हो या कोई सामान्य व्यक्ति सबने लाइन में लगकर बाबा के दर्शन किए हैं।
आपको बता दे कि हर साल फागुन में लगने वाला यह लक्खी मेला पिछले सालों की तुलना में ज्यादा बढ़ रहा है। इस बार पिछले सालों की तुलना में भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ गई। सबसे अच्छी बात यह रही कि इस आयोजन में 11 दिन के दौरान किसी भी तरह का कोई हादसा नहीं हुआ।
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