जीवन नहीं मौत देते हैं ये 'डॉक्टर': 17 लोगों की ले ली जान, वजह हैरान करने वाली

उदयपुर के आदिवासी क्षेत्र में रहस्यमय बीमारी के कारण हालात गंभीर हो गए हैं। पिछले एक महीने में 17 मौतें हो चुकी हैं, जिसमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं। चिकित्सा सुविधाओं की कमी से स्थिति और बिगड़ रही है।

उदयपुर। राजस्थान के उदयपुर जिले के आदिवासी क्षेत्र में मौसमी बीमारियों के चलते हालात गंभीर हो गए हैं। देवला की घाटा ग्राम पंचायत में पिछले एक महीने में 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें अधिकांश बच्चे शामिल हैं। यह स्थिति ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बन गई है और लोग इसे रहस्यमय बीमारी के रूप में देख रहे हैं।

मेडिकल सुविधा न होने की वजह से मौत का शिकार हो रहे लोग

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स्थानीय लोगों का कहना है कि हालात बिगड़ने के कारण चिकित्सा सुविधाओं की कमी भी एक बड़ा कारण है। हाल ही में एक और मासूम की मौत ने इस भयावह स्थिति को और भी बढ़ा दिया है। सरपंच निकाराम गरासिया ने प्रशासन को इस गंभीर मुद्दे की जानकारी दी है। ग्रामीणों के मुताबिक बीमारियों का इलाज एकदम से संभव नहीं हो पा रहा है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि यह किस प्रकार की बीमारी है।

हेल्थ डिपार्टमेंट ने हालात बिगड़ने के बाद संभाला मोर्चा

चिकित्सा विभाग अब हरकत में आया है और घाटा पंचायत के 4 गांवों में चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं। डिप्टी CMHO दीपक जैन ने बताया कि कोटड़ा से भी मेडिकल टीम भेजी गई है, जो घर-घर जाकर मरीजों का इलाज कर रही है। अब तक 400 से अधिक मरीजों का उपचार किया जा चुका है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।

अब भूमिगत हो गए झोलाछाप डॉक्टर

इस बीच क्षेत्र के सभी झोलाछाप डॉक्टर भूमिगत हो गए हैं और कई मेडिकल क्लिनिकों पर ताले लगे हुए हैं। बताया जा रहा है इनमें से अधिकतर बंगाली लोग हैं, जो अंग्रेजी दवाइयों एवं जड़ी बूटियां के जरिए इलाज करने का दावा करते हैं और खुद को डॉक्टर बताते हैं । उन्होंने ही क्लीनिक और कमरों में अस्पताल चला रखे हैं। अधिकतर ग्रामीण उन्हीं से इलाज लेते हैं, लेकिन अब अचानक मौतें होना शुरू हो गया है । 1 महीने में ही 17 लोगों की मौत हो चुकी है। जिनमें से अधिकतर बच्चे हैं । सभी ने इन्हीं फर्जी डॉक्टरों से इलाज लिया था।

ग्रामीण क्षेत्रों में झोलाछाप चिकित्सकों की है भरमार

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के अधिकतर शहरों में ग्रामीण क्षेत्र के हालात अच्छे नहीं है। इन क्षेत्रों में न तो अच्छे डॉक्टर हैं और न ही मेडिकल स्टाफ ही प्रॉपर है । इसका फायदा झोलाछाप डॉक्टर उठाते हैं और लोगों की जान से खेलते हैं।

 

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