जयपुर. अगर आप भी कार रखते हैं और आपकी कार खराब है। कंपनी सुनवाई नहीं कर रही है तो आप भी उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटा सकते हैं। राजस्थान में रहने वाली एक महिला ने ऐसा ही किया और आयोग ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया। दरअसल राजस्थान राज्य उपभोक्ता आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में मर्सिडीज बेंज इंडिया और इसके विक्रेता टी एंड टी मोटर्स पर 8.50 लाख रुपए का हर्जाना लगाने का आदेश दिया है। यह निर्णय तब आया जब आयोग ने ग्राहक शैवाली पालीवाल की शिकायत पर सुनवाई की, जिन्होंने खराब मर्सिडीज बेंज कार खरीदने की शिकायत की थी।
खरीदी ऐसी कार, जिसकी कीमत 50 लाख से ज्यादा थी
आयोग के न्यायिक सदस्य अतुल कुमार चटर्जी और सदस्य रामफूल गुर्जर की बेंच ने यह आदेश दिया। शैवाली पालीवाल ने 24 नवंबर 2017 को मर्सिडीज बेंज की एक कार खरीदी थी जिसकी कीमत 57,88,439 रुपए थी। उन्होंने डाउन पेमेंट के रूप में एक राशि दी और बाकी की राशि किश्तों में चुकाने का निर्णय लिया। हालांकि, कार में ब्रेकिंग सिस्टम सहित कई तकनीकी खामियां थीं, जिन्हें ठीक नहीं किया जा सका। परिणामस्वरूप, पालीवाल कार का उपयोग नहीं कर सकी और इसे कंपनी को वापस लौटा दिया।
जानिए कंपनी को कस्टमर को क्यों देना पड़ा जुर्माना
आयोग ने पाया कि कंपनी ने खराब कार बेची थी, जो गंभीर सेवादोष और अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस का मामला है। इस कारण ग्राहक कार का उपयोग नहीं कर पाई, और कार केवल कंपनी के तकनीकी चालक द्वारा चलायी जाती रही। इसके अलावा आयोग ने विपक्षी कंपनियों को आदेश दिया है कि वे ग्राहक को डाउन पेमेंट और अन्य खर्चों के रूप में दी गई राशि 19,05,980 रुपए पर 5 जुलाई 2018 से अदायगी तक नौ फीसदी वार्षिक की दर से ब्याज भी दें।
यह फैसला कस्टमर को बनाता है जागरूक
यह निर्णय उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और कंपनियों को यह संदेश देता है कि गलब प्रोडक्ट बेचने पर उन्हें कानूनी दंड भुगतना पड़ सकता है।
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