
जयपुर। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने बुधवार को कहा कि देश के अंदर और बाहर कुछ ऐसी ताकते हैं जो भारत की प्रगति को पचा नहीं पा रही हैं। वे देश को बांटने की कोशिश कर रही हैं। उन्होंने लोगों से देश के खिलाफ दिए जा रहे बयानों को बेअसर करने के लिए एकजुट होने की अपील की।
राजस्थान के जयपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनखड़ ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, "देश के भीतर और बाहर कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत की तरक्की पचा नहीं पा रहीं हैं। इसके चलते देश को बांटने के लिए सोची-समझी रणनीति के तहत कोशिश की जा रही है। हमें एकजुट होकर हर देश विरोधी नैरेटिव को बेअसर करना होगा।"
धनखड़ ने कहा, "एक चीज बहुत साफ है। यह नहीं कहा जा सकता कि भारत एक सम्भावनाओं से भरा देश है। वह चरण हमारे पीछे रह गया है। भारत तरक्की कर रहा है। भारत को आगे बढ़ने से नहीं रोका जा सकता।"
बता दें कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति धनखड़ के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ब्लॉक ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। इससे संबंधी नोटिस राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी के ऑफिस में दिया गया है। विपक्ष ने धनखड़ पर पक्षपातपूर्ण तरीके से राज्यसभा की कार्यवाही चलाने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, "आमतौर पर विपक्ष चेयरमैन से प्रोटेक्शन मांगता है। वह विपक्ष के संरक्षक होते हैं, लेकिन अगर खुद सभापति सत्ता पक्ष और प्रधानमंत्री का गुणगान कर रहे हों तो विपक्ष की कौन सुनेगा? सभापति हमारी ओर ध्यान नहीं देते, लेकिन सत्ता पक्ष को बोलने के लिए इशारा करते हैं। जब विपक्ष सरकार से सवाल पूछता है तो सभापति सत्ता पक्ष के जवाब देने से पहले ही उनकी ढाल बनकर खडे़ रहते हैं।"
खड़गे ने कहा, "सभापति के आचरण ने देश की गरिमा को बहुत नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने देश के संसदीय इतिहास में ऐसी स्थिति ला दी है कि हमें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना पड़ा है। उनके साथ हमारी कोई निजी दुश्मनी नहीं है। हमने बहुत सोच-समझकर, देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के इरादे से मजबूरी में ये कदम उठाया है।"
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