सार

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पर निशाना साधा है। उन्होंने धनखड़ को सरकार का प्रवक्ता बताया और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही। खड़गे ने कहा कि धनखड़ के कारण राज्यसभा में व्यवधान पैदा हो रहा है।

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने सभापति को सरकार का सबसे बड़ा प्रवक्ता बताया।

खड़गे ने धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के नोटिस के बारे में बोलते हुए कहा कि राज्यसभा में व्यवधान का सबसे बड़ा कारण खुद सभापति हैं। दरअसल, विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA ब्लॉक ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग करते हुए राज्यसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए नोटिस दिया है।

सदन में नियमों से ज्यादा राजनीति चल रही

खड़गे ने कहा कि 1952 के बाद से उपराष्ट्रपति को हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया है। इस पद पर बैठे लोग निष्पक्ष और राजनीति से ऊपर थे। वे नियमों के अनुसार सदन चलाते थे। लेकिन आज सदन में नियमों से ज्यादा राजनीति चल रही है।

सरकार की ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं सभापति

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "आमतौर पर विपक्ष चेयर प्रोटेक्शन मांगता है। वही विपक्ष का संरक्षक होता है। अगर खुद सभापति सत्ता पक्ष और प्रधानमंत्री का खुला गुणगान कर रहे हों तो विपक्ष की कौन सुनेगा। सभापति सत्ता पक्ष के सदस्यों को बोलने के लिए बार-बार इशारा करते हैं। जब भी विपक्ष सरकार से सवाल पूछता है तो मंत्रियों के जवाब देने से पहले ही चेयरमैन खुद सरकार की ढाल बनकर खड़े हो जाते हैं।"

 

 

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "उनके आचरण ने देश की गरिमा को बहुत नुकसान पहुंचाया है। देश के संसदीय इतिहास में ऐसी स्थिति ला दी है कि हमें उनके खिलाफ प्रस्ताव का नोटिस लाना पड़ा। उनके साथ हमारी कोई निजी दुश्मनी या राजनीतिक लड़ाई नहीं है। देश के नागरिकों को हम विनम्रता से बताना चाहते हैं कि हमने बहुत सोच-विचार और मंथन कर देश के संविधान और लोकतंत्र को बचाने के इरादे से मजबूरी में यह कदम उठाया है।

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