इन पंचदेवों की रोज करें पूजा, दूर होंगी परेशानियां और जीवन में बनी रहेगी खुशहाली

Published : Nov 20, 2021, 09:04 AM ISTUpdated : Nov 20, 2021, 09:09 AM IST
इन पंचदेवों की रोज करें पूजा, दूर होंगी परेशानियां और जीवन में बनी रहेगी खुशहाली

सार

हिंदू धर्म में 5 प्रमुख देवता बताए गए हैं। इन्हें पंचदेव कहा जाता है। हर मांगलिक कार्य में इन पंचदेवों का पूजन अवश्य किया जाता है। यही पंचदेव पंच तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, इन पंचदेवों का नियमित रूप से पूजन करने से सभी कार्य बिना किसी विघ्न के पूर्ण हो जाते हैं।

उज्जैन. यदि रोजाना के पूजा-पाठ में नियमित रूप से पंचदेवों की आराधना की जाए तो जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली व धन-धान्य का आगमन होता है। पंचदेवों में सर्वप्रथम पूजनीय भगवान गणेश का पूजन होता है, मां दुर्गा, भगवान शिव, जगत पालनकर्ता श्री हरि विष्णु और प्रत्यक्ष देव सूर्य नारायण भगवान का पूजन किया जाता है। जहां भगवान गणेश को जल तत्व, शिव जी को पृथ्वी तत्व, विष्णु जी को वायु तत्व, सूर्य देव को आकाश तत्व और देवी दुर्गा को अग्नि तत्व माना गया है। 

भगवान गणेश (Shri Ganesh)
हर कार्य में सर्वप्रथम गणेश जी का ध्यान व आराधना की जाती है। इनके पूजन से आरंभ किया गया कार्य बिना किसी विघ्न के पूर्ण हो जाता है। इसलिए इन्हें विघ्नहर्ता और विघ्नविनाशक भी कहा जाता है। भगवान गणेश का पूजन करते समय सिंदूर, मोदक या लड्डू और दूर्वा की गांठे अवश्य अर्पित करनी चाहिए। प्रतिदिन गणेश जी के इस मंत्र का जाप करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है व आपके जीवन से सभी विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं।

भगवान विष्णु (Vishnu)
भगवान विष्णु की पूजा से घर में सुख-शांति व सौभाग्य का आगमन होता है व आपके जीवन के सभी दुखों का नाश होता है। भगवान विष्णु को पीला रंग प्रिय है। इनकी पूजा में पीली चीजों का प्रयोग करना चाहिए। जैसे पीले पुष्प, पीले मिष्ठान, पीले वस्त्र, पीला भोजन व पीला तिलक आदि। भगवान विष्णु की पूजा करते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

देवी दुर्गा (Durga)
मां दुर्गा की पूजा से सभी कष्ट, विघ्न-बाधाएं दूर हो जाते हैं। मां दुर्गा की आराधना करने से साधक को आत्मविश्वास व सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा की पूजा में लाल रंग की चीजें जैसे श्रंगार का सामान, लाल चुनरी, लाल फूल, कुमकुम और नारियल आदि अर्पित करना चाहिए।

भगवान शिव (Shiva)
भगवान शिव को श्रद्धा भाव से केवल एक लोटा जल और बिल्वपत्र अर्पित कर दिया जाए तो भी ये प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों के सभी कष्ट, रोग-दोष आदि को हर लेते हैं। शिव जी की पूजा में मुख्य रूप से बिल्व पत्र,चंदन, धतूरा गंगाजल व दूध आदि चीजें अर्पित की जाती हैं। शिव जी की पूजा करते समय उनके इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से अकाल मृत्यु का भय भी दूर हो जाता है।

सूर्य देव (Suryadev)
पंचदेवों में सूर्य एक मात्र ऐसे देवता है, जिनके दर्शन हम प्रतिदिन प्रत्यक्ष रूप से कर सकते हैं। सनातन धर्म में नियमित रूप से सूर्य की साधना करना का विशेष महत्व माना गया है। प्रतिदिन तांबे को लोटे में जल भरकर उसमें सिंदूर, चावल और लाल फूल डालकर उगते सूर्य को जल देना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

ज्योतिषीय उपायों के बारे में ये भी पढ़ें

पुखराज का उपरत्न है सुनहला, इसे पहनने से करियर और बिजनेस में होता है फायदा

भाग्येश ग्रह नहीं दे रहा हो शुभ फल तो करें ये आसान उपाय, मिलने लगेगा किस्मत का साथ

बार-बार मिल रही असफलता से निराश है तो करें ये 3 उपाय दूर कर सकते हैं आपकी परेशानी

पति-पत्नी में रोज होता है विवाद तो करें ये आसान उपाय, दांपत्य जीवन में बनी रहेगी खुशहाली

बच्चों का मन नहीं लग रहा पढ़ाई में या याद किया भूल जाते हैं तो करें ये आसान उपाय

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 8 दिसंबर 2025: आज कौन-सी तिथि और नक्षत्र? जानें दिन भर के मुहूर्त की डिटेल
Rukmini Ashtami 2025: कब है रुक्मिणी अष्टमी, 11 या 12 दिसंबर?