कुंभ संक्रांति आज: सुख-समृद्धि और मनोकामना पूर्ति के लिए करें ये आसान उपाय

12 फरवरी, शुक्रवार को सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। इस दिन कुंभ संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। संक्रांति पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ-स्नान और फिर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है।

Asianet News Hindi | Published : Feb 12, 2021 3:27 AM IST

उज्जैन. 12 फरवरी, शुक्रवार को सूर्य मकर राशि से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। इस दिन कुंभ संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। संक्रांति पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ-स्नान और फिर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, इस दिन श्रद्धा के मुताबिक, जरूरतमंद लोगों को खाना और ऊनी कपड़ों का दान भी दिया जाता है। अर्क पुराण का कहना है कि ऐसा करने से हर तरह की शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती हैं।

एक साल में 12 संक्रांति पर्व

एक साल में 12 संक्रांति होती हैं। सूर्य सभी 12 राशियों में घूमता है। जब ये ग्रह एक से दूसरी राशि में जाता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। जिस राशि में सूर्य आता है उसी के नाम से संक्रांति होती है। जैसे मकर राशि में जाने पर मकर संक्रांति और तकरीबन उसके एक महीने जब कुंभ में प्रवेश करेगा तो कुंभ संक्रांति मनाई जाती है। 12 फरवरी को सूर्य का राशि परिवर्तन होने से इस दिन भगवान सूर्य की विशेष पूजा करनी चाहिए साथ ही इस दिन स्नान-दान जैसे शुभ काम करने की भी परंपरा ग्रंथों में बताई गई है।

संक्रांति पर्व पर क्या करें?

- इस पर्व पर सूर्योदय से पहले उठकर तीर्थ स्नान करना चाहिए। ऐसा न कर पाए तो घर पर ही पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे मिलाकर नहा लेना चाहिए। इससे तीर्थ स्नान का पुण्य मिलता है।
- इसके बाद उगते हुए सूरज को प्रणाम करें। फिर अर्घ्य दें। उसके बाद धूप-दीप दिखाएं और आरती करें। आखिरी में फिर से सूर्य देवता को प्रणाम करें और 7 बाद प्रदक्षिणा करें।
- जरुरतमंदों को अनाज, कपड़े, पका हुआ भोजन, कंबल व अन्य जरूर चीजों का दान करें।
- इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान आदि भी करना चाहिए। इससे पितरों की आशीर्वाद हमें प्राप्त होता है।
 

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