यूपी के जिले झांसी की निवासी मलखंभ की नेशनल प्लेयर सीएम योगी से कोचों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। उसका आरोप है कि कोच प्राइजमनी मिलने पर आधी रकम की मांग करते हैं और विरोध करने पर रेफरी होने की वजह से कहीं चयन नहीं करते।
झांसी: उत्तर प्रदेश के जिले झांसी में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। शहर के महानगर के टोरियां के नरसिंहराव में रहने वाली नेशनल प्लेयर ने अपने दो कोच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मलखंभ की नेशनल प्लेयर दीपशिखा का कहना है कि खेलो इंडिया की प्राइजमनी का कोच ने आधा हिस्सा मांग लिया है। इतना ही नहीं मना करने के बाद मुझे हरवा दिया क्योंकि मैच में कोच ही रेफरी थे। फिर वहां से वापस आने के बाद इतनी परेशान हो गई कि खेलना ही छोड़ दिया। पांच महीने से प्रैक्टिस भी नहीं की है। इसकी वजह से हाल में कॉलेज की टीम में भी सलेक्ट नहीं किया गया। वहीं दूसरी ओर कोच आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
मां को फोन कर कहा कि बेटी के जीतने पर चाहिए आधा हिस्सा
शहर के नरसिंहराव में रहने वाली नेशनल प्लेयर दीपशिखा दस साल से मलखंब खेल रही हैं। पिछले छह साल से कोच रवि परिहार और अनिल पटेल प्रैक्टिस करा रहे थे। उसका कहना है कि हरियाणा के पंचकुला में आयोजित खेलो इंडिया के लिए 4 जून को टीम जानी थी। इस टीम में मुझे भी चुना गया था। फिर कोच ने मां को फोन कर कहा कि 5 लाख रुपए प्राइज मनी है। अगर बेटी जीतती है, तो उसमें से आधा हिस्सा चाहिए। कोच के द्वारा ऐसा कहने पर मां ने कह दिया कि बेटी की मेहनत है। तुम्हें पैसे क्यों दें? दीपशिखा आगे कहती है कि इसके बाद खेलने के लिए साथ ले गए लेकिन मेरे प्रदर्शन सही से आंका नहीं और हरवा दिया। ऐसा इसलिए क्योंकि मैच में मेरे कोच ही रेफरी थे।
कोचों ने दीपशिखा को गलत बोला और फिर वापस आ गई घर
दीपशिखा कहती है कि पंचकुला से लौटने के बाद 10 से 15 दिन प्रैक्टिस के लिए गई मगर फिर अभ्यास बंद कर दिया। उसके बाद 22 अगस्त 2022 को नेशनल के लिए ट्रायल हुए। इस दौरान प्रैक्टिस तो बंद थी लेकिन ट्रायल दिया। यहां भी निर्णायक की भूमिका में कोच रवि और अनिल थे। यहां भी मुझे सिलेक्ट नहीं किया गया। मेरे बारे में बहुत ही गलत बोला। जिसके बाद कुछ नहीं बोली और घर आ गई। इसके अलावा दीपशिखा आगे कहती है कि मलखंब का अभ्यास पूरी तरह से छोड़ दिया। उसके बाद विपिन बिहारी महाविद्याल में बीएससी फर्स्ट ईयर में एडमिशन ले लिया।
सहेलियों के कहने के बाद 22 दिसंबर को दिया था ट्रायल
सहेलियों के कहने पर दीपशिखा ने अपने कॉलेज की ओर से बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी में अंतर महाविद्यालयी मलखंब प्रतियोगिता के लिए ट्राइल देने गई। यह 22 दिसंबर 2022 को था और यहां भी रेफरी रवि परिहार और अनिल पटेल थे। अच्छे प्रदर्शन किया जिसकी वीडियोग्राफी भी हुई लेकिन दोनों कोच ने मेरा चयन नहीं किया। इस दिन के बाद से पूरी तरह से टूट गई हूं। कोच इतना मेंटल शोषण करते है कि कोई बच्चा झेल नहीं पाया तो फांसी लगा ले। यही स्थिति मेरे साथ ही हुई और मरने जा रहे थे मगर पता नहीं क्या हुआ रात को तीन घंटे की देर से घर पहुंची। उसके बाद सारे मेडल और मोमेंटो तोड़ दिए। पूरी रात रोती रही और अगली सुबह वीडियो बनाया।
पिता ने डीएम को लेटर सौंपकर की कार्रवाई की मांग
दीपशिखा आगे कहती है कि कोच को जो पैसा दे वो बेस्ट है और जो पैसा नहीं दे वो बेस्ट नहीं हैं। इस तरह कोई प्लेयर दस सालों तक मेहनत करें और उसके साथ ऐसा हो। दीपशीखा का कहना है कि यह पीड़ा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती। इस वजह से चाहती हूं कि मेरी यह बात वीडियो के जरिए खेलमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचे। ताकि इस तरह के लोगों को सबक मिले और उनको निर्णायक की भूमिका से हटाया जाए। दूसरी ओर पिता संतोष ने डीएम को लेटर सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।
कोच ने कहा- दीपशिखा के द्वारा लगाए गए आरोप है बेबुनियाद
इस मामले में कोच रवि परिहार का कहना है कि खिलाड़ी दीपशिखा ने जो आरोप लगाए है वो बेबुनियाद हैं। वह आगे कहते है कि मेरे लिए सभी खिलाड़ी एक जैसे हैं और मैंने कभी किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है। इस मामले में उत्तर प्रदेश मलखंब एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष संजीव सरावगी का कहना है कि यह मामला अभी संज्ञान में आया है। इसको लेकर जांच कराई जा रही है। इसके अलावा पूरे मामले से मलखंब फेडरेशन ऑफ इंडिया को भी अवगत करवाया जाएगा।