जानिए Bundelkhand Expresway से जुड़ी खास बातें, पीएम मोदी बोले- नई सुविधाओं के साथ गढ़ रहे देश का भविष्य

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे का लोकार्पण 16 जुलाई को किया। इस एक्सप्रेस वे के लोकार्पण के बाद दिल्ली तक का सफर आसान हो जाएगा। इसी के साथ आर्थिक विकास में भी यह काफी अहम योगदान देगा। 

Gaurav Shukla | Published : Jul 16, 2022 7:31 AM IST / Updated: Jul 16 2022, 01:12 PM IST

लखनऊ: दशकों से पिछड़ा बुंदेलखंड सीधे दिल्ली और लखनऊ से जुड़ने जा रहा है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की शुरुआत के बाद न सिर्फ सफर आसान होगा बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। 296 किमी के इस एक्सप्रेस वे को 14,850 करोड़ रुपए की लागत बनाया गया है। शनिवार को पीएम मोदी ने इसके लोकार्पण के दौरान कहा कि यूपी ने आज विकास के मामले में देश के कई राज्यों को पछड़ा दिया है। विकास की जिस धारा पर आज देश चल रहा है उसके मूल में दो पहलू हैं। एक है इरादा और दूसरा है मर्यादा। हम देश के वर्तमान के लिए नई सुविधाएं ही नहीं गढ़ रहे बल्कि देश का भविष्य भी गढ़ रहे हैं।

'देश में बदल रही है यूपी की पहचान'
लोकार्पण कार्यक्रम के दौरान अपने पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि जिस यूपी में सरयू नहर परियोजना को पूरा होने में 40 साल लगे, जिस यूपी में गोरखपुर फर्टिलाइजर प्लांट 30 साल से बंद पड़ा था, जिस यूपी में अर्जुन डैम परियोजना को पूरा होने में 12 साल लगे, जिस यूपी में अमेठी रायफल कारखाना सिर्फ एक बोर्ड लगाकर पड़ा हुआ था,यूपी में रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री, सिर्फ डिब्बों का रंग-रौगन करके काम चला रही थी, उस यूपी में अब इंफ्रास्ट्रक्चर पर इतनी गंभीरता से काम हो रहा है, कि उसने अच्छे-अच्छे राज्यों को भी पछाड़ दिया है। पूरे देश में अब यूपी की पहचान बदल रही है।

10 घंटे से भी कम समय में तय हो सकेगा सफर
जहां से एक्सप्रेस वे की शुरुआत हो रही है वहां से दिल्ली तक पहले कोई भी सीधा रास्ता नहीं था। इसके चलते ही चित्रकूट से दिल्ली तक का सफर तय करने में 10 घंटे से भी अधिक का समय लगता था। लेकिन बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे की शुरुआत के बाद यहां से दिल्ली तक का सफर काफी आसान हो गया है। बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे सीधे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के माध्यम से यमुना एक्सप्रेस-वे से होते हुए दिल्ली से जुड़ेगा। 

ऐसा रहा है एक्सप्रेस वे का सफर 
शिलान्यास - 29 फरवरी 2020
लंबाई - 296.070 किमी
कुल लागत - 14849.09 करोड़ 
ढांचा - फोर लेन चौड़ा, 4 रेलवे ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 4 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 268 छोटे पुल, 214 अंडरपास 
नदियां- बागे, केन, बेतवा, सेंगुर, श्यामा, चंद्रावल, बिरमा

इन छह पैकेज से हुआ निर्माण 
चित्रकूट के गोंडा से बांदा के मनोखर तक - 80.49 किमी 
मनोखर से महोबा के कौहारी तक - 50.300 किमी 
कौहारी से हमीरपुर के ब्रोलीखरका तक - 49 किमी 
ब्रोलीखरका से जालौन सालाबाद तक - 51 किमी 
सालाबाद से औरैया के बखरिया तक - 50 किमी 
बखरिया से इटावा के कुदरैल तक - 42.280 किमी 

 

Bundelkhand Expressway: PM मोदी ने किया लोकार्पण, कहा- देश में बदल रही है यूपी की पहचान

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