यूपी की राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर को शिफ्ट करने की प्रक्रिया को लेकर यूपी सरकार ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा है। इसकी मंजूरी मिलते ही नए चिड़ियाघर पर काम होना शुरू होगा।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए योगी सरकार ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को शिफ्ट करने का प्रस्ताव भेजा है। इसके प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद अब नए चिड़ियाघर पर काम होना शुरू होगा। शहर के कुकरैल में बनने वाले चिड़ियाघर करीब 150 एकड़ में फैला होगा। इसके साथ ही 350 एकड़ में नाइट सफारी का भी निर्माण होगा और फिर पुराने चिड़ियाघर से 1000 से अधिक जानवरों को शिफ्ट किया जाएगा। राज्य सरकार ने यह फैसला ट्रैफिक व शोर शराबा को देखते हुए लिया गया है ताकि चिड़ियाघर को शांत वातावरण मिलेगा।
पर्यटन विभाग के साथ स्थानीय लोगों के लिए पैदा होगा रोजगार
शहर में नवाब वाजिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन को अब बाहरी इलाके कुकरैल वन क्षेत्र में शिफ्ट किया जाएगा। यह अपने मौजूदा स्थान से करीब 12 किलोमीटर दूर है। मंजूरी मिलने के बाद नई जगह पर चिड़ियाघर में वर्ल्ड क्लास नाइट सफारी भी होगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस बदलाव का उद्देश्य जूलॉजिकल गार्डन की वजह से नरही क्षेत्र में लगने वाली भीड़ को कम करना है। लखनऊ के कुकरैल नाइट सफारी की स्थापना होने से पर्यटन के व्यापार, सजावट, खानपान आदि में लगे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे।
साल 1921 को प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डेन रखा गया था नाम
यूपी सरकार ने अभी तक नरही इलाके में जमीन के उपयोग पर कोई फैसला नहीं लिया है पर जहां से चिड़ियाघर को शिफ्ट किया जाएगा। मंत्रिपरिषद के मुताबिक लखनऊ के वन क्षेत्र के पूर्वी व पश्चिमी ब्लॉकों को मिलाकर 2027.4 हेक्टेयर के घने वन के 350 एकड़ क्षेत्र में एक नाइट सफारी व 150 एकड़ क्षेत्र में जूलॉजिकल पार्क की स्थापना की जाएगी। बता दें कि यूपी के तत्कालीन गवर्नर सर हरकोर्ट बटलर ने तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स के लखनऊ आगमन को यादगार बनाने के अवध के दूसरे नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने बनारसी बाग को बदल कर 29 नवंबर, 1921 को प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डेन रखा था। उसके बाद में अवध के नवाब वाजिद अली शाह का नाम इस उद्यान को मिला।