Kushinagar: UP में पग-पग पर तीर्थ, कण-कण में ऊर्जा... जानिए मोदी ने एक तीर से कितने निशाने साधे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने यूपी (UP) के कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Kushinagar International Airport) का उद्घाटन और मेडिकल कॉलेज (Medical College) का शिलान्यास किया। इससे पहले मोदी भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण स्तूप पहुंचे। यहां शयनमुद्रा में पश्चिम दिशा की तरफ सिर कर लेटे भगवान बुद्ध की प्रतिमा का पूजा की। उन्हें 6 मीटर लंबा चीवर चढ़ाया। पीएम के इस दौरे में यूपी चुनाव (UP Assamby Election) की प्रिपरेशन देखने को मिली। उन्होंने जनसभा में वेद-पुराण, भगवान बुद्ध, तुलसीदास, बाल्मीकि, गुरु तेगबहादुर जी, जैन धर्म के 24 में 18 तीर्थंकर, कबीरदास, लोहिया, दिवाली-छठ पूजा, अयोध्या, मथुरा, नैमिषारण्य, चित्रकूट, काशी, गोरखनाथ, बिहार, आगरा, प्रयागराज का भी जिक्र किया।
Udit Tiwari | Published : Oct 20, 2021 9:55 AM IST / Updated: Oct 20 2021, 03:42 PM IST
कुशीनगर। यूपी में विधानसभा चुनाव (UPAssamby Election) की तैयारियों के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने एक तीर से कई निशाने साधे और विपक्ष को आड़े हाथ लिया। मोदी ने यूपी (UP) की धरोहरों को गिनाया। विभिन्न समाजों के महापुरुषों को याद किया और तीर्थ स्थलों की महिमा बताकर सीधे तौर पर खुद को जोड़ा। मोदी ने संबोधन की शुरुआत भी भोजपुरी में की। उन्होंने योगी सरकार (Yogi Government) के कामों की भी खुलकर तारीफ की। यह भी इशारों में तय कर दिया कि यूपी में भाजपा (UP BJP) चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार है।
भोजपुरी में मोदी ने लोगों को बताया कि उन्होंने कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया है। दिवाली और छठ पूजा बहुत दूर नहीं है। ये उत्सव और उत्साह का समय है। बिहार के सीमावर्ती इलाकों को भी इसका लाभ मिलेगा।
आज महर्षि वाल्मीकिजी की जयंती भी है। इस पावन अवसर पर सैकड़ों करोड़ के नए प्रोजेक्ट कुशीनगर को सौंपते हुए बहुत खुशी हो रही है। यहां से अनेक युवा डॉक्टर बनने का अपना सपना पूरा कर पाएंगे।
राममनोहर लोहियाजी कहा करते थे कि कर्म को करूणा से जोड़ो, भरपूर करुणा से जोड़ो। लेकिन जो पहले सरकार चला रहे थे, उन्होंने गरीब के दर्द की परवाह नहीं की, पहले की सरकार ने अपने कर्म को, घोटालों से जोड़ा, अपराधों से जोड़ा।
ये ऐसी धरती है जिसका इतिहास कालातीत है, जिसका योगदान कालातीत है। इस भूमि पर मर्यादापुरुष भगवान राम ने अवतार लिया, भगवान श्रीकृष्ण ने अवतार लिया। जैन धर्म के 24 में 18 तीर्थंकर, उत्तर प्रदेश में ही अवतरित हुए थे।
आप मध्यकाल को देखें तो तुलसीदास और कबीरदास जैसे युगनायकों ने भी इसी मिट्टी में जन्म लिया था। संत रविदास जैसे समाजसुधारक को जन्म देने का सौभाग्य भी इसी प्रदेश को मिला है। आप जिस किसी भी क्षेत्र में जाएंगे, उत्तर प्रदेश के योगदान के बिना, उसका अतीत, वर्तमान और भविष्य अधूरा ही दिखेगा। यूपी एक ऐसा प्रदेश है जहां पग-पग पर तीर्थ हैं, और कण-कण में ऊर्जा है।
वेदों और पुराणों को कलमबद्ध करने का काम यहां के नैमिषारण्य में हुआ था। हमारी गौरवशाली सिख गुरु परंपरा का भी यूपी से गहरा जुड़ाव रहा है। आगरा में ‘गुरु का ताल’ गुरुद्वारा आज भी गुरु तेगबहादुर जी की महिमा का, उनके शौर्य का गवाह है जहां पर उन्होंने औरंगजेब को चुनौती दी थी।
जब मैं यूपी के सामर्थ्य की, देश-दुनिया में बन रही पहचान की प्रशंसा होती है तो कुछ लोगों को बहुत परेशानी होती है। लेकिन अगर सच कहने से परेशानी होती है तो उनके लिए गोस्वामी तुलसीदास कह गए हैं, जहां सुमति तहां संपति नाना, जहां कुमति तहां विपत्ति निदाना। जहां सद्बुद्धि वहां हमेशा सुख की स्थिति बनी रहती है और जहां कुबुद्धि होती है वहां हमेशा संकट का साया बना रहता है।
पीएम मोदी ने कहा कि 2017 से पहले जो सरकार यहां पर थी, उसकी नीति थी- माफिया को खुली छूट, खुली लूट। आज योगीजी के नेतृत्व में यहां माफिया माफी मांगता फिर रहा है और सबसे ज्यादा दर्द भी माफियावादियों को हो रहा है। यूपी के लोग अच्छी तरह जानते हैं कि इन लोगों की पहचान समाजवादी की नहीं, परिवारवादी की बन गई है। इन लोगों ने सिर्फ अपने परिवार का भला किया, समाज का और उत्तर प्रदेश का हित भूल गए।
जो पहले सरकार चला रहे थे, उन्होंने गरीब के दर्द की परवाह नहीं की, पहले की सरकार ने अपने कर्म को, घोटालों से जोड़ा, अपराधों से जोड़ा।
डबल इंजन की सरकार, डबल ताकत से स्थितियों को सुधार रही है। वर्ना 2017 से पहले जो सरकार यहां थी, उसे आपकी दिक्कतों से, गरीब की परेशानी से कोई सरोकार नहीं था। उन्होंने कहा कि जब मूल सुविधाएं मिलती हैं, तो बड़े सपनों को देखने का हौसला और सपनों को पूरा करने का जज्बा पैदा होता है। जब झुग्गी में रहने वालों को पक्का घर मिले, घर में शौचालय, बिजली, गैस का कनेक्शन हो, नल से जल आए, तो गरीब का आत्मविश्वास अनेक गुना बढ़ जाता है।
2017 से पहले जो सरकार यहां पर थी, उसकी नीति थी- माफिया को खुली छूट, खुली लूट। आज योगी जी के नेतृत्व में यहां माफिया माफी मांगता फिर रहा है और सबसे ज्यादा दर्द भी माफियावादियों को हो रहा है। एक समय में उत्तर प्रदेश, देश के हर बड़े अभियान के लिए चुनौती मान लिया जाता था। लेकिन आज उत्तर प्रदेश के हर बड़े मिशन की सफलता में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
जब कानून का राज होता है, अपराधियों में डर होता है, तो विकास की योजनाओं का लाभ भी तेजी से गरीब, दलित, शोषित, पिछड़ों तक पहुंचता है।
नई सड़कों, नए रेल मार्गों, नए मेडिकल कॉलेजों, बिजली और पानी से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज गति से विकास हो पाता है। इसे सीएम योगी की पूरी टीम जमीन पर उतारकर दिखा रही है। यूपी के बारे में एक बात हमेशा कही जाती है कि ये एक ऐसा प्रदेश है जिसने देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री दिए।
ये यूपी की खूबी है, लेकिन यूपी की पहचान को केवल इस दायरे में ही नहीं देखा जा सकता। यूपी को 6-7 दशकों तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है।
बीते वर्षों में स्वच्छ भारत अभियान से लेकर कोरोना के विरुद्ध अभियान में देश ने लगातार अनुभव किया है। देश में प्रतिदिन औसतन सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। जब कानून का राज होता है, अपराधियों में डर होता है तो विकास की योजनाओं का लाभ भी तेजी से गरीब, दलित, शोषित, पिछड़ों तक पहुंचता है।
यूपी सरकार के प्रयासों के कारण पूर्वांचल में दिमागी बुखार, एंसेफ्लाइटिस जैसी जानलेवा बीमारी से हजारों मासूमों को बचाया जा सका है।
भारत एथेनॉल को लेकर आज जिस नीति पर चल रहा है उसका भी बड़ा लाभ यूपी के किसानों को होने वाला है। गन्ने और दूसरे खाद्यान्न से पैदा होने वाला बायो फ्यूल विदेश से आयात होने वाले कच्चे तेल का एक अहम विकल्प बन रहा है।
डबल इंजन की सरकार यहां किसानों से खरीद के नए रिकॉर्ड स्थापित कर रही है। यूपी के किसानों के ही बैंक अकाउंट में अभी तक लगभग 80 हजार करोड़ रुपए उपज की खरीद के पहुंच चुके हैं। पीएम किसान सम्मान निधि से यूपी के किसानों के बैंक खाते में 37,000 करोड़ रु से अधिक राशि जमा की जा चुकी है।
केंद्र सरकार ने एक और योजना शुरू की है जो भविष्य में यूपी के ग्रामीण इलाकों में समृद्धि का नया द्वार खोलने वाली है। इस योजना का नाम है- पीएम स्वामित्व योजना। इसके तहत गांव के घरों की घरौनी यानि घरों का मालिकाना दस्तावेज़ देने का काम शुरु किया है।
हम जो नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लाए हैं उसमें निर्णय किया है कि आजादी के 75 साल के बाद पहली बार निर्णय हुआ है कि अब अपनी मातृभाषा में पढ़ने वाला बच्चा भी, गरीब मां का बच्चा भी डॉक्टर बन सकता है। इंजीनियर बन सकता है।