RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- गुरुओं से सीख लेकर आगे बढ़ने के साथ बलवान दुर्बल की रक्षा करने का दिया संदेश

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहते है कि गुरुओं से सीख लेकर आगे बढ़ने के साथ बलवान होने दुर्बल की रक्षा करने के लिए आगे संदेश दिया। अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम के सत्संग हाल में यह बातें उन्होंने स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कही। 

Asianet News Hindi | Published : Nov 30, 2022 7:05 AM IST

प्रयागराज: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत ने मंगलवार को महापुरुषों का अनुसरण कर राष्ट्र और समाज में परिवर्तन लाने का आह्वान किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि धर्म का मतलब सबको साथ लेकर चलने वाला होता है और बलवान होने का मतलब यह नहीं कि दुर्बल मारे जाएंगे। इसकी रक्षा करने के लिए आगे आए। यह बात उन्होंने अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम के सत्संग हाल में उन्होंने ज्योतिष्पीठ के उद्धारक स्वामी ब्रह्मानंद सरस्वती की 150वीं जयंती पर आयोजित आराधना महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर कहीं।

RSS प्रमुख ने गुरुओं से सीख लेकर आगे बढ़ने का दिया संदेश
डॉ मोहन भागवत आराधना महोत्सव में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी से आत्मीयता से मिले। उन्होंने केशरीनाथ का हालचाल भी पूछा और जब भी वह उठते-बैठते तो सरसंघ चालक उन्हें स्वयं सहारा दिया। केशरीनाथ ने सरसंघ चालक को पुराने स्वयंसेवकों से मिलने की सलाह दी। इसके साथ ही आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने गुरुओं से सीख लेकर आगे बढ़ने का संदेश दिया। दूसरी ओर महात्मा गांधी, डॉ. भीम राव आंबेडकर जैसे महापुरुषों के आध्यात्मिक चिंतन की भी लोगों को याद दिलाई। 

महापुरुषों का अनुसरण कर बदलाव लाने के लिए बढ़ना है आगे
आरएसएस प्रमुख भागवत आगे कहते है कि महापुरुषों ने हमेशा आध्यात्म को आधार बनाया है। महात्मा गांधी से लेकर आंबेडकर का भी यही कहना था कि धर्म के बिना कुछ नहीं हो सकता। धर्म का अर्थ सबको साथ लेकर चलने वाला है। उन्होंने आगे कहा कि इस सत्यता का प्राकट्य भारत में ही हुआ है मगर ऐसी प्रेरणा व सीख देने वाले महापुरुषों का अनुसरण कर बदलाव लाने के लिए आगे बढ़ना चाहिए। सरसंघचालक ने इससे पहले व्यास पीठ की पूजा के साथ ही उन्होंने पंरपरा के लिए पूजा कर आरती उतारी। 

भागवत मोहन को राम मंदिर के साथ जन्मभूमि का मॉडल किया भेंट
आरती उतारने से पहले इससे पहले राममंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने सरसंघचालक मोहन भागवत को अंगवस्त्रम, रुद्राक्ष की माला, स्मृति चिह्न के अलावा राम मंदिर के मॉडल के साथ ही कृष्ण जन्मभूमि का भी मॉडल भेंट किया। पंडित त्रिपाठी ने उन्हें बताया कि प्रयागराज में काफी स्वयंसेवक ऐसे हैं जिनकी आयु 70 वर्ष से अधिक हो चुकी है। मगर संगठन के प्रति उनका समर्पण कायम है। हर खास मौकों पर उनकी प्रेरणादायी भागीदारी रहती है। आप अगली बार प्रयागराज आएं तो ऐसे पुराने स्वयंसेवकों से मिलें। इस खास मौके पर पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी और स्वामी हरि चैतन्य ब्रह्मचारी उपस्थित थे।

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