यूपी विधानसभा चुनाव में 2017 के प्रदर्शन को दोहराते हुए एक बार फिर लखीमपुर खीरी जिले की आठों सीटों पर बीजेपी ने परचम लहरा दिया है। सदर लखीमपुर, पलिया, निघासन, श्रीनगर, धौरहरा, कस्ता, गोला गोकर्णनाथ और मोहम्मदी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों से सीधी टक्कर में जीत दर्ज की है।
लखीमपुर खीरी: यूपी विधानसभा चुनाव में 2017 के प्रदर्शन को दोहराते हुए एक बार फिर लखीमपुर खीरी जिले की आठों सीटों पर बीजेपी ने परचम लहरा दिया है। सदर लखीमपुर, पलिया, निघासन, श्रीनगर, धौरहरा, कस्ता, गोला गोकर्णनाथ और मोहम्मदी सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों से सीधी टक्कर में जीत दर्ज की है। सदर लखीमपुर से बीजेपी के प्रत्याशी योगेश वर्मा एक बार फिर दोबारा विधायक बन गए हैं। योगेश ने पिछले चुनाव परिणामों को दोहराते हुए सपा के उत्कर्ष वर्मा को शिकस्त दी है। पलिया विधानसभा सीट से 2 बार के विधायक रहे हरविंदर कुमार साहनी उर्फ रोमी साहनी ने सपा प्रत्याशी प्रीतिंदर सिंह कक्कू पर जीत दर्ज कर अपनी हैट्रिक पूरी की। निघासन विधानसभा सीट पर भी बीजेपी विधायक रहे शशांक वर्मा ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की है। मोहम्मदी से बीजेपी प्रत्याशी और विधायक रहे लोकेंद्र प्रताप सिंह ने भी दोबारा जीत का परचम लहराया है। लोकेंद्र ने सपा के दाऊद अहमद को करारी शिकस्त दी।
श्रीनगर सुरक्षित विधानसभा सीट पर बीजेपी विधायक रही मंजू त्यागी विजयी रहीं। मंजू ने सपा के रामशरण को सीधे मुकाबले में हराया। कस्ता सुरक्षित विधानसभा सीट पर सौरभ सिंह सोनू ने समाजवादी पार्टी के सुनील लाला को हराकर दोबारा जीत का परचम लहराया है। धौराहरा विधानसभा सीट पर पहली बार शिक्षक से विधायक बने विनोद शंकर अवस्थी बीजेपी के टिकट पर जीतकर विधायक बन गए हैं। यहां के निवर्तमान विधायक बाला प्रसाद अवस्थी दल बदल की जुगत में लगे थे। जिस वजह से बाला का टिकट कट गया था। विनोद ने सपा प्रत्याशी वरुण चौधरी को हराया। गोला गोकरण नाथ सीट पर पांचवी बार विधायक बीजेपी प्रत्याशी अरविंद गिरी ने सपा प्रत्याशी विनय तिवारी को लगातार दूसरी बार शिकस्त दी है।
खीरी में कांग्रेस के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त
खीरी जिले के चुनाव परिणामों ने सबसे ज्यादा कांग्रेस को निराश किया है। जिले की आठों सीटों पर कांग्रेस पूरी तरह लड़ाई से बाहर दिखी। जिले की आठों सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। पलिया को छोड़ अन्य सीटों पर कांग्रेस को 2000 वोटों तक पहुंचने में लाले पड़ गए। जबकि पसगवां और तिकुनिया घटनाओं को हाथों हाथ लेते हुए प्रियंका गांधी ने लखीमपुर को हाथों हाथ लिया था।