देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था।इसके बाद से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हर प्राइवेट और सरकारी स्कूलों से लेकर बड़े-बड़े व्यावसाय व्यापारी कर्मचारी बच्चा बुढ़ा हर कोई इस दिन पर झंडा रोहण करता है। आज देश के हर कोने से अलग अलग तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। वाराणसी में भी कई जगह अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अस्सीघाट, पुलिसलाइन,कहीं शपथ ले कर ध्वजारोहण किया गया तो कहीं स्केक्टिंग करके। बच्चे-बूढ़े सब इसमें शामिल दिखे। रिजर्व पुलिस लाइन में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने ध्वजारोहण किया ही पुलिस कमिश्नर ने पुलिस कर्मियों को दिलाई शपथ। साथ ही मंडुवाडीह थाने पर पुलिसकर्मियों ने भी शपथ लेते हुए ध्वजारोहण किया।
वाराणसी: देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण कर भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था।इसके बाद से हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दिन देशभर में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हर प्राइवेट और सरकारी स्कूलों से लेकर बड़े-बड़े व्यावसाय व्यापारी कर्मचारी बच्चा बुढ़ा हर कोई इस दिन पर झंडा रोहण करता है। आज देश के हर कोने से अलग अलग तस्वीरें देखने को मिल रही हैं। वाराणसी में भी कई जगह अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। अस्सीघाट, पुलिसलाइन,कहीं शपथ ले कर ध्वजारोहण किया गया तो कहीं स्केक्टिंग करके। बच्चे-बूढ़े सब इसमें शामिल दिखे। रिजर्व पुलिस लाइन में मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने ध्वजारोहण किया ही पुलिस कमिश्नर ने पुलिस कर्मियों को दिलाई शपथ। साथ ही मंडुवाडीह थाने पर पुलिसकर्मियों ने भी शपथ लेते हुए ध्वजारोहण किया।