12 जनवरी 1863 को स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। उनके विचारों से प्रभावित लोग आज दुनिया से बुराइयों को दूर करने के लिए काम करते हैं। वैसे तो स्वामीजी के बारे में कई बातें लोग जानते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में एक ही ऐसा मुस्लिम देश है, जहां उनके विचारों को मठ में पढ़ाया जाता है।
बांग्लादेश: भारत में अलग-अलग धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं। धर्मनिरपेक्ष भारत में तो आपको कुरान भी पढ़ते लोग नजर आ जाएंगे लेकिन अगर किसी मुस्लिम देश में कुरान के साथ गीता के श्लोक पढ़ते लोग नजर आएं, तो ये हैरत की बात है। ऐसा ही कुछ होता है, भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में।
15 रामकृष्ण मठ
बांग्लादेश में 15 रामकृष्ण मठ हैं। जहां स्वामी विवेकानंद के विचारों का प्रचार किया जाता है। सबसे चौंकाने की बात है कि इन विचारों को ग्रहण करने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग आते हैं। साथ ही हैरत की बात ये भी है कि स्वामी विवेकानंद खुद कभी बांग्लादेश नहीं गए थे। स्वामी विवेकानंद ने अपने विचारों से दुनियाभर का ध्यान खींचा था। खासकर 11 सितंबर 1893 को उन्होंने विश्व धर्म सम्मलेन शिकागो में जो विचार रखे, उसके बाद पूरी दुनिया स्वामी जी से प्रभावित हो गई। उनके यही विचार बांग्लादेश में बने रामकृष्ण मठों में सिखाए और पढ़ाए जाते हैं।
कुरान की आयतों के साथ गीता के श्लोक
बांग्लादेश के इन मठों में समय बिताकर आए राजस्थान के झुंझुनू जिले के खेतड़ी में रहने वाले डॉ जुल्फिकार ने इन मठों की सबसे ख़ास बात ये बताई कि यहां बने रामकृष्ण मठों में स्वामी जी के विचार सुनने मुस्लिम समुदाय के लोग भी पहुंचते हैं। जी हां, यहां होने वाले प्रार्थना सभा में कुरान की आयतों के साथ गीता के श्लोक भी पढ़े जाते हैं। साथ ही इन मठों में काम करने वाली ज्यादातर महिलाएं भी मुस्लिम होती हैं।
मुस्लिम देशों का इकलौता रामकृष्ण मठ
बता दें कि अभी दुनियाभर में करीब 50 रामकृष्ण मठ हैं। लेकिन इनमें भी अकेले 15 बांग्लादेश में है। स्वामी विवेकानंद खुद कभी इस मुस्लिम देश नहीं आए लेकिन उनके विचारों को दूसरों तक फैलाने वाला मठ इसी मुस्लिम देश में मौजूद है।