जन्म के समय बच्चों के कम वजन से संबंधित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन बच्चों का वजन जन्म के समय कम होता है उनकी मांसपेशियों में आक्सीजन आपूर्ति की क्षमता कमजोर हो सकती है। जन्म के समय शिशुओं में वजन की कमी को दूर करने की रणनीति के महत्व को जोर देने वाले एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है ।
लंदन. जन्म के समय बच्चों के कम वजन से संबंधित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन बच्चों का वजन जन्म के समय कम होता है उनकी मांसपेशियों में आक्सीजन आपूर्ति की क्षमता कमजोर हो सकती है। जन्म के समय शिशुओं में वजन की कमी को दूर करने की रणनीति के महत्व को जोर देने वाले एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है ।
17 से 24 साल के दो लाख 80 हजार युवाओं पर किया गया है रिसर्च
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार स्वस्थ रहने के लिए कार्डियो - रेस्पिरेटरी फ़िटनेस बहुत महत्वपूर्ण होता है और यह विभिन्न बीमारियों तथा समय पूर्व होने वाले मौत के जोखिम को कम कर सकता है । इन अनुसंधानकर्ताओं में स्वीडेन के कोरोलिंस्का संस्थान के शोधकर्ता भी शामिल हैं । हालांकि, उन्होंने बताया कि व्यायाम के दौरान मांसपेशियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने के लिए शरीर की यह क्षमता विश्व स्तर पर युवाओं और वयस्कों दोनों में कम हो रही है । यह अध्ययन जर्नल आफ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित हुआ है। इसमें यह अवलोकन किया गया है कि क्या गर्भावस्था के 37वें से 41 वें हफ्ते में जो पैदा हुए हैं, उनके कार्डियो रेस्पिरेटरी फिटनेस में जन्म के समय कम वजन भूमिका अदा करता है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 17 से 24 साल के दो लाख 80 हजार पुरूषों को शामिल किया ।
अध्यन के लिए स्वीडिश जनसंख्या रजिस्टर का इस्तेमाल किया गया
इस अध्ययन में उन्होंने स्वीडिश जनसंख्या आधारित रजिस्टर का इस्तेमाल किया । जिसमें उन्होंने पाया कि जिन बच्चों का जन्म के समय वजन अधिक था उन्होंने साइकिल एर्गोमीटर के फिटनेस जांच में बेहतर प्रदर्शन किया । साइिकल एर्गोमीटर एक ऐसी साइिकल है जिसमें ऐसे उपकरण लगे हैं जो किसी व्यक्ति के किये गये काम को मापता है । अध्ययन के अनुसार जन्म के समय 40 हफ्ते में जन्म लेने वाले जिन बच्चों का वजन 450 ग्राम अधिक था उनमें साइिकल पर काम करने की क्षमता अधिकतम थी।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
( प्रतिकात्म फोटो )