क्वाड बैठक से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री पोंपियो से टोक्यो में द्विपक्षीय वार्ता करेंगे भारतीय विदेश मंत्री

क्वाड समूह की बैठक से पहले जापान के टोक्यो में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो से मंगलवार को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को घेरने के मकसद से चतुष्कोणीय गठबंधन देश (क्वाड) के विदेश मंत्री छह अक्तूबर को जापान के टोक्यो शहर में कूटनीतिक वार्ता करेंगे। क्वाड देशों में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।

Asianet News Hindi | Published : Oct 6, 2020 4:33 AM IST / Updated: Oct 07 2020, 12:51 PM IST

टोक्यो. हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में चीन के बढ़ते प्रभाव को घेरने के लिए अमेरिका चतुष्कोणीय गठबंधन (QUAD) के तहत अपने साथियों- भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया को साथ लाना चाहता है। इसी को लेकर चारों देशों के विदेश मंत्री मंगलवार 6 अक्टूबर को जापान के टोक्यो शहर में वार्ता करेंगे। इस बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के तरीकों पर बात होगी। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस वार्ता से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियों के साथ एक द्विपक्षीय वार्ता में भाग लेंगे। अमेरिका इस गठबंधन में वियतनाम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल करना चाहता है।

क्वाड समूह की इस बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र के भीतर शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के तौर-तरीकों पर बातचीत होगी। कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से टोक्यो द्वारा आयोजित यह पहला मंत्री स्तरीय सम्मेलन होगा। जापान के विदेश मंत्री ने बैठक से कुछ दिन पहले कहा था कि यह उचित समय पर है कि चार देशों के विदेश मंत्री, जो क्षेत्रीय मामलों में समान महत्वाकांक्षाओं को साझा करते हैं, विभिन्न चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान करें। उन्होंने कहा था कि दुनिया में अब स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दृष्टिकोण का मूल्य बढ़ा है और क्वाड देश इसे साकार करने में बड़ा कदम उठा सकते हैं।

चीन को घेरने पर होगी परिचर्चा 

इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते दबदबे को देखते हुए अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सहयोग बढ़ाया है। इसमें कानून के शासन का पालन करने समेत समुद्र और आसमान में आवाजाही की स्वतंत्रता तथा विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा शामिल है, ताकि चीन का क्षेत्र में बढ़ता दबदबा कम हो सके।

हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत स्ट्रक्चर की कमी

अमेरिका का लक्ष्य इन चार देशों के साथ दूसरे देशों को मिलाकर चीन की चुनौती का सामना करना है। फिलहाल हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत स्ट्रक्चर की कमी है। इन देशों के पास नाटो या यूरोपीय यूनियन (ईयू) जैसा कोई मजबूत संगठन नहीं है इसीलिए अमेरिका चाहता है कि क्वड्रीलेटरल सिक्टोरिटी डायलॉग (क्वाड) देशों में वियतनाम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल किया जाए। अभी इसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं, इसका मकसद हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखना और चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है।

पिछले महीने हुई थी ऑनलाइन बैठक

पिछले महीने ही चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्वाड के तहत एक ऑनलाइन बैठक की थी जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दबाव की पृष्ठभूमि पर चर्चा की गई थी। इस बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया था कि अधिकारियों ने ‘‘मुक्त, समुद्ध और समावेशी’’ हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता जताई जिसका आधार साझा मूल्य और सिद्धांत एवं अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति सम्मान है।

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