मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति से की मुलाकात, जानें किन अहम मु्द्दों पर हुई चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण खाड़ी क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए कूटनीति, वार्ता एवं भरोसा कायम करने को प्राथमिकता देने के प्रति भारत का सहयोग दोहराया।

Asianet News Hindi | Published : Sep 27, 2019 6:11 AM IST / Updated: Sep 27 2019, 11:52 AM IST

न्यूयॉर्क. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने यहां द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों के संबंधों पर और साझा हितों के लिए क्षेत्रीय एवं वैश्विक विकास पर विचार-विमर्श किया। मोदी ने 74वें महासभा सत्र के इतर  को रुहानी से गुरूवार को मुलाकात की। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण खाड़ी क्षेत्र में शांति, सुरक्षा एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए कूटनीति, वार्ता एवं भरोसा कायम करने को प्राथमिकता देने के प्रति भारत का सहयोग दोहराया।

दोनो देशों के साझे प्राचीन एवं सांस्कृतिक है 

दोनों नेताओं ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत और ईरान के साझे प्राचीन एवं सांस्कृतिक संबंध हैं। उन्होंने 2015 में रूस के ऊफा शहर में उनकी पहली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति का आकलन किया। मोदी और रुहानी ने चाबहार बंदरगाह के महत्व पर भी बात की और अफगानिस्तान एवं मध्य एशियाई क्षेत्र में आवागमन के द्वार के तौर पर इसकी महत्ता को रेखांकित किया।

70 वीं वर्षगांठ मनाने पर जताई सहमति

बैठक के दौरान 2020 में राजनयिक संबंध स्थापित होने की 70वीं वर्षगांठ मनाने पर सहमति जताई गई। तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर ईरान और अमेरिका में तनाव की स्थिति के बीच भारत और ईरान की इस बैठक का उत्सुकता से इंतजार किया जा रहा था। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने ईरान पर सऊदी अरब में दो तेल संयंत्रों पर हमला करने का भी आरोप लगाया है जिसके कारण क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है।

विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने बताया कि दोनों नेताओं ने ‘‘द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की और क्षेत्र में स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए।’’दोनों देश इस साल जून में किर्गिस्तान के बिश्केक में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के इतर समय की कमी के कारण अपनी तय बैठक नहीं कर पाए थे। विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता भारत तेल की अपनी 80 प्रतिशत से अधिक आवश्कताएं आयात से पूरी करता है। ईरान अभी तक इराक और सऊदी अरब के बाद तीसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक था।

पिछले कुछ वर्षो से गहरे हुए हैं भारत और ईरान के संबंध

ईरान से तेल खरीदने के लिए भारत और सात अन्य देशों को अमेरिका से प्रतिबंधों से दी गई छह महीने की छूट की समयसीमा दो मई को समाप्त हो गई थी। भारत और ईरान के बीच संबंध पिछले कुछ वर्षों में गहरे हुए हैं। मोदी ईरान के साथ रणनीतिक संबंध स्थापित करने और पश्चिम एशिया के साथ भारत के संबंधों को विस्तार देने के लिए मई 2016 में तेहरान गए थे। इस यात्रा के दौरान भारत और ईरान ने करीब एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। इसी दौरान रणनीतिक चाबहार बंदरगाह के विकास पर भी समझौता हुआ था।

दोनों देशों के बीच सामान लाने-ले जने के लिए हुआ था त्रिपक्षीय समझौता

बाद में भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने बंदरगाह के जरिए तीनों देशों के बीच सामान लाने-ले जाने के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया था। रुहानी फरवरी 2018 में भारत गए थे। वह पिछले एक दशक में भारत आने वाले ईरान के पहले राष्ट्रपति थे। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने एक दर्जन समझौते किए थे।

[यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है]

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