कोरोना वायरस फैलाने के पीछे क्या चीन का हाथ था, इसे लेकर बहस तेज हो गई है। इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर चीन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, मेरे दुश्मनों ने भी यह कहना शुरू कर दिया है कि मैं वुहान लैब से निकले चीनी वायरस के बारे में सही थे।
वॉशिंगटन. कोरोना वायरस फैलाने के पीछे क्या चीन का हाथ था, इसे लेकर बहस तेज हो गई है। इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर चीन पर हमला बोला है। उन्होंने कहा, मेरे दुश्मनों ने भी यह कहना शुरू कर दिया है कि मैं वुहान लैब से निकले चीनी वायरस के बारे में सही थे। उन्होंने अमेरिका और दुनिया में मची कोरोना से तबाही के लिए चीन से 10 ट्रिलियन डॉलर का भुगतान करने को कहा है।
डोनाल्ड ट्रम्प को फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया कंपनियों ने बैन कर दिया है। ऐसे में ट्र्रम्प ने बयान जारी किया। इसमें उन्होंने लिखा, अब हर कोई, यहां तक कि मेरे तथाकथित 'दुश्मन' ने भी यह कहना शुरू कर दिया कि डोनाल्ड ट्रम्प वुहान लैब से निकले चीनी वायरस के बारे में सही थे। चीन को अमेरिका और दुनिया को कोरोना से मौत और विनाश के लिए 10 ट्रिलियन डॉलर देने चाहिए।
चीन पर उठ रहे सवाल
पूरी दुनिया कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रही है। ऐसे में अमेरिका, ब्रिटेन समेत कई देशों में कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच की मांग उठ रही है। यहां तक की अमेरिका की बाइडेन सरकार ने खुफिया एजेंसी से इस मामले में रिपोर्ट भी मांगी है। ऑस्ट्रेलिया समेत कई विदेशी मीडिया तो खुलकर कोरोना के पीछे चीन का हाथ बता चुकी हैं।
वुहान में मिला था कोरोना का पहला केस
कोरोना का पहला केस चीन के वुहान में नवंबर 2019 में मिला था। इसके बाद धीरे धीरे यह पूरी दुनिया में फैला। कोरोना की पहली लहर के वक्त भी चीन पर कोरोना को लेकर जानकारी छिपाने का आरोप लगा था। विदेशी मीडिया भी यह दावा कर चुकी है कि चीन के वुहान लैब से कोरोना निकला। इतना ही नहीं ट्रम्प ने कोरोना को लेकर चीन और WHO पर भी गंभीर आरोप लगाए थे।