काबुल के सिख गुरुद्वारे 'कर्ते-परवान' पर आतंकी हमला, 2 ब्लास्ट के बाद जबर्दस्त गोलीबारी, ISIS-K पर शक

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक सिख गुरुद्वारे कर्ते-परवान(Kart-e-Parwan) में कई विस्फोट और गोलीबारी का मामला सामने आया है। धमाका काबुल के करता परवन इलाके में हुआ। सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित देश में सिर्फ 140 सिख रह गए हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।

Amitabh Budholiya | Published : Jun 18, 2022 6:08 AM IST / Updated: Jun 18 2022, 01:52 PM IST

काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को एक सिख गुरुद्वारे कर्ते-परवान(Kart-e-Parwan) में कई विस्फोट और गोलीबारी का मामला सामने आया है। धमाका काबुल के कर्ते-परवान इलाके में हुआ। लोकल न्यूज ने विस्फोटों के बाद के वीडियो के साथ ट्वीट किया है। इलाके से गोली चलने की भी खबर है। इस हमले में गार्ड समेत दो अफगानी नागरिक मारे गए हैं।  जबकि तीन तालिबानी सैनिक भी घायल हुए हैं। हमले के पीछे इस्लामिक स्टेट के खुरासान मॉड्यूल (ISIS-K) का हाथ माना जा रहा है। हालांकि, अभी तक किसी इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुद्वारा कर्ते-परवान पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि सिख कम्युनिटी की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता है।

विदेश मंत्रालय ने किया tweet, संपर्क में हैं
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय(Ministry of External Affairs) के स्पोकपर्सन ने tweet के जरिये कहा, "हम उस शहर में एक पवित्र गुरुद्वारे पर हमले के बारे में काबुल से प्राप्त रिपोर्टों से बहुत चिंतित हैं। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं और आगे की घटनाओं के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।" अफगानिस्तान तालिबान सरकार में आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल नफी ताकोर(Abdul Nafi Takor) ने हमले की पुष्टि की। हालांकि उन्होंने इस संबंध में अधिक जानकारी नहीं दी।  हमला किसने और क्यों किया, इसकी जिम्मेदारी अभी किसी आतंकवादी संगठन ने नहीं ली है।

ISI एक्टिव है यहां
खुरासान प्रांत में इस्लामिक स्टेट के नाम से जाने जाने वाले आतंकवादी ग्रुप ने पिछले दिनों देश भर में मस्जिदों और अल्पसंख्यकों पर हमलों की जिम्मेदारी ली है। कर्ते-परवान गुरुद्वारे में स्थानीय समयानुसार सुबह करीब 6 बजे एक बड़ा ब्लास्ट हुआ। फिर करीब 30  मिनट बाद दूसरा ब्लास्ट हुआ। फिलहाल, घटना वाली जगह को सील कर दिया गया है। चीनी मीडिया ने एक चश्मदीद के हवाले से कहा कि सुरक्षा बलों ने एहतियात के तौर पर इलाके की घेराबंदी कर दी है। ब्लास्ट के बाद आसमान में धुआं छा गया। लोग डरकर भागने लगे। सुरक्षा बलों ने यहां कई वार्निंग फायर भी दागे। 

सिर्फ 140 सिख बचे हैं यहां
सिख समुदाय के नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित देश में सिर्फ 140 सिख रह गए हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं। मार्च 2020 में, कम से कम 25 पुजारी(worshippers) मारे गए थे और 8 अन्य घायल हुए थे, जब भारी हथियारों से लैस आत्मघाती हमलावर( suicide bomber) ने काबुल के सेंटर में स्थित एक प्रमुख गुरुद्वारे पर हमला किया था। यहदेश में अल्पसंख्यक सिख समुदाय पर सबसे घातक हमलों में से एक था। शोर बाजार इलाके में हुए इस हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट आतंकी समूह ने ली थी। 

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