फ्रांस ने अपने नागरिकों को दी पाकिस्तान छोड़ने की सलाह, जानिए क्या है वजह?

फ्रांस की मैगजीन चार्ली हेब्दो में प्रकाशित मोहम्मद साहब के विवादित कार्टून का पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक आतंकवाद पर बयान भी दिया था। इसके बाद पाकिस्तानी संसद में निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ था। 

पेरिस. फ्रांस ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने की सलाह दी है। दरअसल, फ्रांस में पिछले साल मैगजीन में छपे पैगंबर मोहम्मद के एक कार्टून को लेकर पाकिस्तान में विवाद छिड़ा हुआ है। पाकिस्तान में कट्टर इस्लामी पार्टी के समर्थक फ्रांस से राजनयिक रिश्ते खत्म करने की मांग को लेकर लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इन हिंसक प्रदर्शन में 7 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, सैकड़ों लोग घायल बताए जा रहे हैं।

पाकिस्तान में हिंसा को देखते हुए फ्रांस ने अपने नागरिकों और कंपनियों को जल्द से जल्द देश छोड़ने की सलाह दी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, फ्रांस ने कहा कि नागरिकों और कंपनियों को कुछ समय के लिए पाकिस्तान से बाहर आ जाना चाहिए, क्योंकि वहां स्थितियां पेरिस के हितों के लिए खतरा हैं। 

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क्या है मामला?
दरअसल, फ्रांस की मैगजीन चार्ली हेब्दो में प्रकाशित मोहम्मद साहब के विवादित कार्टून का पाकिस्तान में कट्टरपंथी संगठन विरोध कर रहे हैं। इतना ही नहीं पिछले दिनों फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामिक आतंकवाद पर बयान भी दिया था। इसके बाद पाकिस्तानी संसद में निंदा प्रस्ताव भी पारित हुआ था। लेकिन हाल ही में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान फ्रांस से राजनयिक संबंध खत्म करने की मांग को लेकर हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहा है। 

हिंसा के पीछे किसका हाथ?
इस हिंसा के पीछे साद रिजवी का हाथ है। तहरीक-ए-लब्बैक के प्रमुख साद रिजवी ने इमरान खान को फ्रांस से राजनयिक रिश्ते खत्म करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय दिया था। लेकिन उससे पहले ही इमरान सरकार ने साद रिजवी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद साद के समर्थक पूरे पाकिस्तान में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान पाकिस्तान में फैली हिंसा में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 300 से अधिक घायल हुए हैं।  

कौन है साद रिजवी?
साद रिजवी तहरीक ए लबैक पाकिस्तान पार्टी के प्रमुख रहे खादिम हुसैन रिजवी का बेटा है। खादिम हुसैन की मौत के बाद साद रिजवी को पार्टी की कमान मिली। रिजवी की पार्टी कट्टरपंथी पार्टी है। वह इससे पहले ईशनिंदा कानून को रद्द नहीं करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। रिजवी की मांग है कि पाकिस्तान फ्रांस के उत्पादों का बहिष्कार करे और राजनयिक रिश्ते खत्म करे। 

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