आईएस के मददगार जर्मन्स को सजा, 8 महिलाएं और 23 बच्चों को भी सीरिया से वापसी

Published : Oct 11, 2021, 02:52 PM IST
आईएस के मददगार जर्मन्स को सजा, 8 महिलाएं और 23 बच्चों को भी सीरिया से वापसी

सार

कोर्ट के अनुसार दोनों आरोपी साल 2011 से दक्षिणी बाडेन के इलाके में एक जेहादी सर्किल का हिस्सा थे। इस जेहादी सर्किल का काम धर्म परिवर्तन, इमिग्रेशन और जेहाद के अलावा सीरिया की राजनीतिक घटनाओं पर नजर रखने जैसी गतिविधियों को अंजाम देना था। 

बर्लिन। जर्मनी (Germany) में आतंकवादी संगठन आईएस (Islamic States) के दो मददगारों को कैद की सजा सुनाई गई है। दोनों को निलंबित कैद की सजा मिली है। श्टुटगार्ट हाईकोर्ट (Stuttgart Highcourt) ने दोनों आरोपियों को विदेश में टेररिस्ट संगठन की मदद का दोषी पाया है। इसमें एक आरोपी पर टेरर फंडिंग (terror funding) का भी दोषी पाया गया है। कोर्ट ने 44 वर्षीय अभियुक्त को दो साल की निलंबित कैद की सजा दी गई तो 30 वर्षीय अभियुक्त को 20 महीने की निलंबित कैद की सजा दी है। इसके पहले सीरिया से वापस लाई गई छह महिलाओं आईएस के समर्थन के कारण हिरासत में ले लिया गया था।
 
कई सालों से जेहादी सर्किल से थे जुड़े, कबूला जुर्म

कोर्ट के अनुसार दोनों आरोपी साल 2011 से दक्षिणी बाडेन के इलाके में एक जेहादी सर्किल का हिस्सा थे। इस जेहादी सर्किल का काम धर्म परिवर्तन, इमिग्रेशन और जेहाद के अलावा सीरिया की राजनीतिक घटनाओं पर नजर रखने जैसी गतिविधियों को अंजाम देना था। इस सर्किल के दो लोग 2013 में आईएस के साथ लड़ने के लिए सीरिया गए। दोनों ने उसके बाद आईएस के लड़ाकों को 8,000 यूरो भी भेजा। अदालत में दोनों आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल लिया है। अदालत ने उनको सजा देते हुए यह उम्मीद जताया है कि वे अब आगे अपराध नहीं करेंगे। इसलिए उनको निलंबित कैद की सजा हुई है। 

क्या होता है निलंबित कैद?

जर्मनी में निलंबित कैद का प्रावधान है, जिसमें अभियुक्त मुचलके पर जेल के बाहर रहता है लेकिन उसे सजायाफ्ता माना जाता है। कोई और अपराध करने पर उसे जेल की निलंबित सजा भी काटनी पड़ती है।

8 महिलाओं और 23 बच्चों को वापस लाया गया

सीरिया से 8 जर्मन महिलाओं और 23 बच्चों को भी जर्मनी लाया गया है। ये महिलाएं कुछ समय पहले जिहादी संगठन आईएस के समर्थन के लिए सीरिया गई थीं और आईएस के पतन के बाद कुर्दों के हिरासत केंद्रों में रह रही थीं। जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा कि महिलाओं और बच्चों की वापसी डेनमार्क के साथ मिलकर की गई जबकि अमेरिका ने लॉजिस्टिक मदद दी है। जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि बच्चे बेकसूर हैं, वे बिना किसी गलती के इस स्थिति में फंस गए। माताओं को अपने कृत्यों के लिए जवाब देना होगा। गिरफ्तार महिलाओं के खिलाफ आपराधिक जांच चल रही है।

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