कैसे चीन के समर्थन में भारत में प्रोपेगेंडा फैला रहा अमेरिकी अरबपति, New York Times ने किया खुलासा

Published : Aug 07, 2023, 01:38 PM ISTUpdated : Aug 07, 2023, 03:33 PM IST
Neville Roy Singham

सार

न्यूयॉर्क टाइम्स ने इस बात का खुलासा किया है कि अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम ने चीन के समर्थन में भारत में प्रोपेगेंडा फैलाया। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इस मुद्दे को संसद में उठाया है। 

नई दिल्ली। चीन ने अपने समर्थन में प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए दुनियाभर में नेटवर्क बना रखा है। इसके इस्तेमाल से वह अपने हित की बातें फैला रहा है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने इसकी विस्तृत जांच की है। इसमें पता चला है कि चीन ने अपने नेटवर्क में एक्टिविस्ट ग्रुप्स, गैर-लाभकारी संगठनों और फर्जी कंपनियों को शामिल किया है। इस नेटवर्क का मुख्य सूत्रधार अमेरिकी अमेरिकी नेविल रॉय सिंघम को माना जाता है। इसने भारत में भी चीन के समर्थन में प्रोपेगेंडा फैलाया।

भारत की जांच एजेंसी ईडी (Enforcement Directorate) को नेविल रॉय सिंघम के काले कारनामों की भनक पहले ही मिल गई थी। ईडी ने मीडिया प्लेटफॉर्म न्यूजक्लिक की जांच की तो पता चला कि इसे विदेश से गलत तरीके से 38 करोड़ रुपए का फंड मिला था। यह पैसा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) की प्रचार शाखा ने नेविल रॉय का इस्तेमाल कर दिया था। ईडी की इस जांच के दो साल बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने यह खुलासा किया है।

 

 

भाजपा ने लोकसभा में उठाया मुद्दा

भाजपा ने न्यूजक्लिक को मिले विदेश फंड के मुद्दे को सोमवार को लोकसभा में उठाया। पार्टी ने इसे कांग्रेस के साथ जोड़ा। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने संसद में कहा कि न्यूजक्लिक को चीन से पैसे मिले। इसने भारत के खिलाफ काम किया। उन्होंने कहा कि विदेशी तत्व "भारत-विरोधी" ताकतों के साथ सहयोग कर रहे हैं। इनका उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की छवि खराब करना है।

सिंघम के नेटवर्क ने न्यूजक्लिक को दिए पैसे
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि सिंघम के नेटवर्क ने न्यूजक्लिक को पैसे दिए। इसने पैसे लेकर चीनी सरकार की बातों को प्रकाशित किया। जांच से पता चला कि चीन अपनी बातों को प्रचारित करने और आलोचना से ध्यान भटकाने के लिए मीडिया संस्थानों को पैसे दे रहा है। नेविल रॉय सिंघम के समूहों ने चीनी के समर्थन वाले यूट्यूब वीडियो तैयार किए और उन्हें पोस्ट किया। इससे न केवल ऑनलाइन चर्चा बल्कि वास्तविक दुनिया की राजनीति भी प्रभावित हुई। इन समूहों ने राजनेताओं से संपर्क किया, विरोध प्रदर्शन आयोजित किए और विभिन्न देशों में चुनावों को प्रभावित किया है।

सिंघम की गैर-लाभकारी संस्थाओं ने अमेरिकी विदेशी एजेंट पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकरण नहीं कराया है। इससे विदेशी ताकतों के साथ उनके संबंधों पर सवाल उठ रहे हैं। दूसरी ओर सिंघम ने चीनी सरकार के लिए काम करने से इनकार किया है। उनका नेटवर्क चीनी सरकार के प्रचार विभाग से पैसे लेकर एक शो चलाता है। इसमें चीन की आवाज को दुनिया भर में फैलाने की कोशिश की जाती है। न्यूयॉर्क टाइम्स की जांच से उस जटिल तंत्र का पता चला है जिसके द्वारा चीन दूसरे देशों में गड़बड़ी कर रहा है।

PREV

अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

असंभव लेकिन सत्य! बिना औरत देखे 82 साल तक रहा जिंदा, पढ़ें इस शख्स की कहानी
Modi in Ethiopia: मोदी का भव्य स्वागत, खुद कार ड्राइव कर होटल ले गए PM अली-6 PHOTOS