इमरान खान ने भंग की नेशनल असेंबली, 90 दिन के अंदर होगा चुनाव, जानें कैसे यहां चुने जाते हैं नए पीएम

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने चुनाव कराने का फैसला किया है। केयर टेकर गवर्नमेंट चुनाव कराएगी। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के 342 सीटों के लिए चुनाव होगा।

Asianet News Hindi | Published : Apr 3, 2022 10:35 AM IST / Updated: Apr 03 2022, 04:09 PM IST

इस्लामाबाद। विपक्ष की ओर से संयुक्त रूप से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के चलते इमरान खान (Imran Khan) ने नेशनल असेंबली भंग कर दी। उन्होंने नए चुनाव कराने का फैसला किया है। पाकिस्तान के संविधान के अनुसार वहां अगले 90 दिन के अंदर चुनाव होगा। चुनाव कराने के लिए केयर टेकर गवर्नमेंट का गठन किया जाएगा। इस सरकार का काम चुनाव कराना और नई चुनी हुई पार्टी या गठबंधन को सत्ता का हस्तांतरण करना है। 

नेशनल असेंबली का नेता होता है पीएम
पाकिस्तान की संसद को नेशनल असेंबली कहा जाता है। प्रधानमंत्री नेशनल असेंबली का नेता होता है। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में सदस्यों की संख्या 342 है। प्रधानमंत्री को कम से कम 172 सांसदों के समर्थन की जरूरत होती है। नेशनल असेंबली के 342 सदस्यों का चुनाव तीन कैटेगरी में दो तरीकों से होता है। 272 सांसदों का चुनाव वोटिंग के माध्यम से किया जाता है। इनका चुनाव उनके संसदीय क्षेत्र में मतदान के जरिए होता है। 

60 सीटें महिलाओं के लिए रिजर्व हैं। इसके साथ ही 10 सीटों को धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवार के लिए रिजर्व रखा गया है। पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के सबसे अधिक सीटें पंजाब प्रांत में हैं। अकेले पंजाब में 141 सीटें हैं। इसके बाद सिंध में 61, खैबर में 39, बलूचिस्तान में 16 और फेडरल एडमिनिस्ट्रेटेड एरियाज में 12 सीटें हैं।

पाकिस्तान के नेशनल असेंबली की स्थिति
2018 में पाकिस्तान में हुए चुनाव में इमरान खान की पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के 155 सांसद चुनाव जीतकर आए थे। पाकिस्तान मुस्लिम लीग एन के 84, पाकिस्तान पिपुल्स  पार्टी के 56, मुत्तहिदा मजलिस-ए-अमल पाकिस्तान के 15, पाकिस्तान मुस्लिम लीग के 5, मुत्तहिदा कौमी मुवमेंट पाकिस्तान के 7, ग्रैंड डेमोक्रेटिक एलायंस के 3, अवामी मुस्लिम लीग पाकिस्तान के 1, अवामी नेशनल पार्टी के 1, बलूचिस्तान नेशनल पार्टी के 4, बलूचिस्तान अवामी पार्टी के 5 और जम्हूरी वतन पार्टी के 1 सांसद हैं। चार सांसद स्वतंत्र रूप से चुनाव जीते थे।

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इमरान खान के लिए आसान नहीं होगा चुनाव
इमरान खान ने भले भी अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के बदले चुनाव कराने का फैसला किया है, लेकिन चुनाव उनके लिए आसान नहीं होगा। पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आटा, चीनी, दाल, सब्जी, तेल, पेट्रोल और डीजल समेत सभी जरूरी सामानों की कीमत में बेतहासा वृद्धि हुई है। महंगाई के चलते पाकिस्तान की जनता सरकार से नाराज है। दूसरी ओर विपक्ष की सभी पार्टियां एकजुट हो गईं हैं। इमरान खान की पार्टी पीटीआई में भी फूट पड़ गई है। 2018 के चुनाव में पाकिस्तान की सेना पर इमरान खान का समर्थन करने का आरोप लगा था। अब आर्मी का रुख बदल गया है। आर्मी की ओर से न्यूट्रल रहने की बात की गई है।

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