अमेरिका और ईरान के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। ईरान ने एक बार फिर अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। ईरान ने ईराक में बने अमेरिकी सैन्य बेस पर एक के बाद एक लगातार 8 मिसाइलें दागी, जिसमें 4 लोगों के घायल होने की खबर है।
नई दिल्ली. अमेरिका और ईरान के बीच तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। ईरान ने एक बार फिर अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। ईरान ने ईराक में बने अमेरिकी सैन्य बेस पर एक के बाद एक लगातार 4 मिसाइलें दागी, जिसमें 4 लोगों के घायल होने की खबर है। इससे पहले अमेरिकी सैन्य बेस पर ईरान के हमले के बाद अमेरिका ने सिर्फ चेतावनी देकर ईरान को छोड़ दिया था और उसके खिलाफ कोई कायर्वाई नहीं की थी, पर ईरान के दूसरे हमले के बाद हालात अब चिंताजनक हो गए हैं।
सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, अल-बलाद एयरबेस पर कात्युसा श्रेणी के आठ रॉकेट गिरे। हमले में दो इराकी अधिकारी और दो पायलट घायल हुए हैं। अल-बलाद इराक की एफ-16 के लिए मुख्य एयरबेस है। इन विमानों को इराक ने अपनी हवाई क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका से खरीदा है।
सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस एयरबेस पर अमेरिकी वायुसेना की छोटी टुकड़ी और अमेरिकी ठेकेदार रहते थे, लेकिन पिछले दो सप्ताह में अमेरिकी-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर ज्यादा अमेरिकी यहां से पहले ही जा चुके हैं।
सूत्रों में से एक ने बताया, ‘‘अमेरिकी सलाहकारों में से करीब 90 प्रतिशत और सैलीपोर्ट तथा लॉकहीड एंड मार्टिन के कर्मचारी धमकियों के बाद ताजी और एर्बिल जा चुके हैं।’’ उक्त दोनों कंपनियां विमानों की मरम्मत का काम करती हैं।
सूत्र ने बताया, ‘‘अल-बलाद में बमुश्किल 15 अमेरिकी सैनिक और एक विमान है।’’
हाल के महीनों में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले शिविरों पर रॉकेटों और मोर्टार से लगातार हमले हो रहे हैं। हालांकि इन हमलों में ज्यादातर इराकी सैनिक ही घायल होते हैं, लेकिन पिछले महीने एक अमेरिकी ठेकेदार भी मारा गया था।
ईरान के सरकारी टीवी चैनल प्रेस टीवी के अनुसार इराक में बने अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर ईरान ने 7 मोर्टार बम दागे हैं। हालांकि ईरानी गार्ड ने कहा कि उनके इस हमले का उद्देश्य किसी अमेरिकी सैनिक को मारना नहीं है। ईरान ने अपने इस हमले से जता दिया है कि अभी भी वो पीछे नहीं हटा है। अमेरिका इस हमले पर क्या प्रतिक्रिया देता है इस पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं।