बदले की आग में धधक रहा ईरान, अमेरिकी दूतावास पर फिर हमला, परमाणु समझौते से पीछे हटने का ऐलान

ईरान ने 6 बड़े देशों के साथ वर्ष 2015 में हुई परमाणु डील से एक कदम और पीछे हटने का ऐलान किया है। ईरान ने कहा है कि वह अब यूरेनियम का संवर्धन बिना किसी रोकटोक के करेगा। इराक की राजधानी बगदाद के ग्रीन जोन इलाके में सोमवार देर रात फिर रॉकेट और मोर्टार से हमले हुए हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 6, 2020 2:19 AM IST

बगदाद. अमेरिका द्वारा किए गए रॉकेट हमले में अपने नेता कासिम सुलेमानी की हत्‍या से भड़के ईरान ने 6 बड़े देशों के साथ वर्ष 2015 में हुई परमाणु डील से एक कदम और पीछे हटने का ऐलान किया है। ईरान ने कहा है कि वह अब यूरेनियम का संवर्धन बिना किसी रोकटोक के करेगा। हालांकि ईरान ने यह भी कहा कि वह संयुक्‍त राष्‍ट्र की परमाणु निगरानी संस्‍था के साथ सहयोग जारी रखेगा। इस बीच इराक की राजधानी बगदाद के ग्रीन जोन इलाके में सोमवार देर रात फिर रॉकेट और मोर्टार से हमले हुए हैं। बताया जा रहा है कि ये रॉकेट अमेरिकी दूतावास के पास गिरे हैं। इन हमलों में किसी के हताहत होने की अभी कोई खबर नहीं है।

किसी भी सीमा को नहीं मानेंगे 

ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने कहा कि उनका देश अब परमाणु कार्यक्रम पर लगाई गई किसी सीमा को नहीं मानेगा। चाहे वह यूरेनियम का संवर्धन हो या फिर उसकी क्षमता हो। यही नहीं ईरान यूरेनियम के संवर्धन के स्‍तर या परमाणु शोध और विकास कार्यक्रमों पर अब कोई रोक स्‍वीकार नहीं करेगा। बता दें कि यूरेनियम से बिजली के साथ परमाणु बम भी बनाया जा सकता है। माना जा रहा है कि इस ऐलान के साथ ईरान ने यह संकेत दे दिया है कि वह परमाणु कार्यक्रम को आगे बढ़ाएगा।

प्रतिबंधों को हटाया जाए 

ईरान ने कहा कि अगर उस पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाया जाता है तो वह समझौते की शर्तो को दोबारा मान लेगा। ईरान के अपने परमाणु कार्यक्रम सीमित करने के बदले में 2015 के इस समझौते के तहत उस पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया गया था। हालांकि अमेरिका के इस सौदे से हटने के बाद उसने ईरान पर अशक्त करने वाले प्रतिबंध फिर से लगा दिए थे जिससे गंभीर आर्थिक संकट पैदा हो गया है।

खाड़ी देशों को था यह डर 

ईरान ने 2015 में वैश्विक ताकतों के साथ यह समझौता किया था। पश्चिमी सरकारों को लंबे समय से यह डर था कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम के जरिए परमाणु हथियार विकसित कर सकता है। उधर, ईरान हमेशा से कहता रहा है कि उसके कार्यक्रम शांतिपूर्ण मकसदों के लिए है। सौदे की शर्तों के तहत ईरान 300 किलोग्राम से अधिक कम संवर्धित यूरेनियम नहीं जमा कर सकता।

जारी है हमले का दौर 

इस बीच सुलेमानी की हत्‍या के बाद इराक में अमेरिकी दूतावास पर हमले का दौर जारी है। रविवार देर रात को एक बार फिर से ईरान समर्थन मिलिशिया ने अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट और मोर्टार से हमला किया है। इस हमले में अभी किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इससे पहले शनिवार रात को भी ईरान समर्थक मिलिशिया ने रॉकेट हमला किया था।

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