पाकिस्तान पर भारी पड़ रहा आतंकी प्रेम, जिन्हें पाल रहा 6 साल में उन्हीं ने लीं 500 से ज्यादा जानें

Published : Jun 29, 2020, 03:27 PM ISTUpdated : Jun 29, 2020, 05:34 PM IST
पाकिस्तान पर भारी पड़ रहा आतंकी प्रेम, जिन्हें पाल रहा 6 साल में उन्हीं ने लीं 500 से ज्यादा जानें

सार

पाकिस्तान के कराची स्थित स्टॉक एक्सचेंज में सोमवार को आतंकी हमले में 5 लोगों की मौत हो गई। हमले में शामिल सभी 4 आतंकी मारे गए। लेकिन इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान को सबक दे दिया कि किस तरह उसका आतंकवादी प्रेम उसके लिए महंगा पड़ रहा है। 

इस्लामाबाद. पाकिस्तान के कराची स्थित स्टॉक एक्सचेंज में सोमवार को आतंकी हमले में 5 लोगों की मौत हो गई। हमले में शामिल सभी 4 आतंकी मारे गए। लेकिन इस हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान को सबक दे दिया कि किस तरह उसका आतंकवादी प्रेम उसके लिए महंगा पड़ रहा है। इसके बावजूद पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। यहां तक की प्रधानमंत्री इमरान खान दुनिया के मोस्ट वांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन को शहीद बता चुके हैं। 

पाकिस्तान दूसरे देशों के खिलाफ आतंकियों को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत देता रहा है। लेकिन आज इस्लामाबाद खुद लहूलुहान है। इस हमले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कैसे पाकिस्तान के पाले हुए आतंकी संगठन उसे लिए खतरनाक साबित होने लगे हैं। 

पाकिस्तान में 2014 से अब तक बड़े आतंकी हमले


- 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल में आतंकी हमला। इस हमले में 132 बच्चों समेत 141 लोगों की मौत। हमले की जिम्मेदारी आतंकी सगंठन तहरीक-ए-तालिबान ने ली। 



- 2016 में क्वेटा के सिविल अस्पताल में एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया था। इस आतंकी हमले में 70 लोगों की मौत हुई थी।



- 2017 में सिंध प्रांत के शाहबाज कलंदर दरगाह में हुए एक आत्मघाती हमले में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

- लाहौर में बम ब्लास्ट में 17 लोगों की मौत। इसी साल पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के पास 21 जनवरी को धमाके में 25 लोग मारे गए। 


- 13 जुलाई 2018- पाकिस्तान के मस्तुंग में हुए आतंकी हमले में 149 लोगों की मौत हुई थी। 


आतंकियों को संरक्षण दे रहा पाकिस्तान
भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुके जैश ए मोहम्मद और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को पाकिस्तान दूसरों के खिलाफ अपनी जमीन इस्तेमाल करने देता है। लेकिन यही आतंकी संगठन अब उसे नुकसान पहुंचाने लगे हैं। यहां तक की ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान में छिपा बैठा था। 

ग्रे लिस्ट में रहेगा पाकिस्तान
 फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने आतंकियों को फंडिंग और उन पर कोई कार्रवाई ना करने के चलते पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में ही बरकरार रखा है। एफएटीएफ ने पाकिस्तान को आतंकियों के खिलाफ कुछ बिंदुओं पर कार्रवाई करने के लिए कहा था। लेकिन पाकिस्तान इसमें नाकाम रहा।  



लादेश को शहीद बताते हैं पीएम इमरान
आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान का रूख क्या है यह हाल ही के प्रधानमंत्री इमरान खान के बयान से पता चलता है। इमरान ने हाल ही में पाकिस्तान की संसद में  अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन शहीद बताया। इतना ही नहीं खान ने कहा, पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ जंग में अमेरिका का साथ नहीं देना चाहिए था। अमेरिकी फोर्सेज ने पाकिस्तान में घुसकर लादेन को 'शहीद' कर दिया और पाकिस्तान को बताया भी नहीं। 

हमले के पीछे 50 साल पुराना संगठन जिम्मेदार
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान के कराची में हुए हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली। अलग बलूचिस्तान बनाने की मांग को लेकर यह संगठन 1970 में बना था। साल 2000 में संगठन पर बलूचिस्तान हाईकोर्ट के जस्टिस नवाब मिरी की हत्या का आरोप लगा। इसके बाद से पाकिस्तान की सरकार और सेना संगठन पर संस्थानों पर हमले के लिए जिम्मेदार ठहराती रही है। अमेरिका ने पिछले साल ही संगठन को आतंकियों की सूची में डाला है।

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