अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि तालिबान से समझौते के बाद अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या घटा दी जाएगी, वहीं अफगानिस्तान ने भी तालिबान के खिलाफ जंग छेड़ रखी है।
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि तालिबान के साथ समझौता हो जाने के बाद अमेरिका वहां तैनात अपने सैनिकों की संख्या कम करेगा। ट्रम्प ने कहा कि समझौता हो जाने के बाद अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या घट कर महज 8,600 रह जाएगी।
हमेशा मौजूद रहेंगे इतने सैनिक
फॉक्स न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रम्प ने कहा कि तालिबान से समझौता होने की स्थिति में हम सैनिकों की संख्या घटाकर 8,600 कर देंगे और इतने सैनिक हमेशा वहां मौजूद रहेंगे।
अफगानिस्तान ने हमला किया तो देंगे जवाब
ट्रम्प ने यह भी कहा कि भविष्य में अगर अफगानिस्तान हमला करता है तो हम उसे ऐसा जवाब देंगे जिसके बारे में किसी ने सोचा तक भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि तब हम इतनी बड़ी सेना के साथ आएंगे जो पहले कभी देखी नहीं गई होगी।
समझौते की चल रही है कोशिश
बता दें कि अफगानिस्तान में अमेरिका का मिशन फेल हो गया है। तालिबान से समझौते की बात लगातार जारी है और ऐसी उम्मीद जतायी जा रही है कि अमेरिका वहां से जल्दी ही सैनिकों की वापसी करेगा। अमेरिका को अफगानिस्तान में काफी नुकसान उठाना पड़ा है। पहले भी वह वहां से सैनिकों को वापस बुला चुका है।
अफगानिस्तान के फाइटर विमानों ने 45 तालिबानी आतंकी मार गिराए
एक तरफ अमेरिका जहां तालिबान से शांति-समझौता करना चाह रहा है, वहीं अफगानिस्तान की सरकार ने तालिबानी आतंकियों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। एक अफगानिस्तानी अधिकारी ने बताया कि सर्दियों का मौसम शुरू होने के पहले तालिबान के कब्जे वाले इलाकों से आतंकवादियों को बाहर निकालने के के लिए ऑपरेशन ‘पामिर 207’ को अंजाम दिया गया है। अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत में तालिबान के नियंत्रण वाले जिलों में अफगानिस्तान के फाइटर विमानों ने दो दिन पहले किए गए हमले में 45 तालिबानी आतंकवादी मार गिराए हैं। समाचर एजेंसी शिन्हुआ ने प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता निक मोहम्मद नाजरी के हवाले से कहा, "सरकारी बलों ने दो दिन पहले वार्डोज, यमगन और करन व मुंजन जिलों में तालिबान के ठिकानों पर हवाई हमले किए, जिसमें 45 आतंकवादी मारे गए हैं और 15 अन्य घायल हैं।"