
नई दिल्ली. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के 68 वें जन्मदिन पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई दी है। पीएम मोदी ने पुतिन को फोन करके उनके स्वास्थ्य लाभ की कामना की और उनसे कहा है कि कोरोना महामारी समाप्त होते ही वे भारत यात्रा पर जरूर आएं। इसी के साथ पीएम मोदी ने पुतिन की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों देशों के विशेष रणनीतिक महत्व को बढ़ाने के लिए भारत आपका आभारी है। इसके अलावा दोनों नेता आने वाले समय में कोविड-19 समेत सभी चुनौतियों से निपटने के लिए एक दूसरे का सहयोग करेंगे।
उधर, टोक्यो में चल रही QUAD बैठक
हिंद प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific region) में चीन के बढ़ते प्रभाव को घेरने के लिए अमेरिका चतुष्कोणीय गठबंधन (QUAD) के तहत अपने साथियों- भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ जापान के टोक्यो शहर में आज QUAD बैठक कर रहा है। इस बैठक में हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हो रही है। अमेरिका इस गठबंधन में वियतनाम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल करना चाहता है। भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस वार्ता से इतर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के अपने समकक्ष के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता में भाग लिया।
पिछले महीने ही चारों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने क्वाड के तहत एक ऑनलाइन बैठक की थी जिसमें हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य दबाव की पृष्ठभूमि पर चर्चा की गई थी। इस बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया था कि अधिकारियों ने ‘‘मुक्त, समुद्ध और समावेशी’’ हिंद प्रशांत क्षेत्र को लेकर प्रतिबद्धता जताई जिसका आधार साझा मूल्य और सिद्धांत एवं अंतरराष्ट्रीय कानूनों के प्रति सम्मान है।
हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत स्ट्रक्चर की कमी
अमेरिका का लक्ष्य इन चार देशों के साथ दूसरे देशों को मिलाकर चीन की चुनौती का सामना करना है। फिलहाल हिंद प्रशांत क्षेत्र में मजबूत स्ट्रक्चर की कमी है। इन देशों के पास नाटो या यूरोपीय यूनियन (ईयू) जैसा कोई मजबूत संगठन नहीं है इसीलिए अमेरिका चाहता है कि क्वड्रीलेटरल सिक्टोरिटी डायलॉग (क्वाड) देशों में वियतनाम, साउथ कोरिया और न्यूजीलैंड को भी शामिल किया जाए। अभी इसमें भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका शामिल हैं, इसका मकसद हिंद प्रशांत क्षेत्र में शांति बनाए रखना और चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकना है।
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