
वाशिंगटन। अमेरिका भारत को रूस से एयर डिफेंस सिस्टम S-400 खरीदने पर CAATSA प्रतिबंधों से छूट दे सकता है। इसके लिए अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में भारत को छूट देने वाले एक विधायी संशोधन विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया है।
राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) पर विचार के दौरान संशोधन के हिस्से के रूप में इस विधेयक को पारित किया गया। भारतीय मूल के अमेरिकी कांग्रेसी रो खन्ना ने संशोधन पेश किया था। इसमें बाइडेन प्रशासन से चीन जैसे हमलावरों को रोकने में मदद करने के लिए भारत को काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट (CAATSA) से छूट प्रदान करने के लिए अपने अधिकार का उपयोग करने का आग्रह किया गया था।
भारत के साथ खड़ा हो अमेरिका
खन्ना ने कहा कि अमेरिका को चीन से बढ़ती आक्रामकता का सामना करने के लिए भारत के साथ खड़ा होना चाहिए। इंडिया कॉकस के उपाध्यक्ष के रूप में मैं अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी मजबूत करने के लिए काम कर रहा हूं। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा हूं कि भारत चीन से अपनी रक्षा कर सके। यह संशोधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। मुझे इसे सदन को पारित करते हुए देखकर गर्व हो रहा है।
यह भी पढ़ें- गोटबाया ने इस्तीफे में गिनाए वो 3 कारण, जिनसे श्रीलंका डूब गया, सबसे पहले सीरियल बम ब्लास्ट ने हिलाई थी नींव
दरअसल, CAATSA एक सख्त अमेरिकी कानून है। यह अमेरिकी प्रशासन को उन देशों पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत करता है जो रूस से प्रमुख हथियार खरीदते हैं। इस कानून को 2014 में रूस के क्रीमिया के कब्जे और 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में कथित हस्तक्षेप के बाद बनाया गया था।
भारत ने रूस से किया था 5 बिलियन डॉलर का सौदा
अक्टूबर 2018 में भारत ने एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की खरीद के लिए रूस के साथ 5 बिलियन डॉलर का सौदा किया था। उस समय तत्कालीन ट्रम्प प्रशासन ने चेतावनी दी थी कि इस सौदे के चलते भारत पर CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाया जा सकता है। अमेरिका ने एस-400 खरीदने के चलते CAATSA के तहत तुर्की पर प्रतिबंध लगा दिया था। S-400 को रूस की सबसे उन्नत लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली के रूप में जाना जाता है।
यह भी पढ़ें- 3 दिन से पेट्रोल के लिए लाइन में हूं, बड़ा भाई भारत हेल्प करे..पढ़ें श्रीलंका से एशियानेट न्यूज की रिपोर्ट
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।